मेडल जीतने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी
नई दिल्ली। आंचल ठाकुर ने तुर्की में अल्पाइन एजर 3200 कप स्कीइंग टूर्नामेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। यह इस खेल में भारत का पहला इंटरनेशनल मेडल है। मनाली की रहने वाली 21 साल की आंचल ने तुर्की के एरजुरूम स्थित पालनडोकेन स्की सेंटर में स्लालम वर्ग रेस में यह मेडल जीता। आंचल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इसकी जानकारी साझा की। आंचल के पिता और भारतीय शीतकालीन खेल महासंघ (डब्ल्यूजीएफआई) के महासचिव रोशन ठाकुर ने भी ट्विटर पर अपनी बेटी की कामयाबी पर खुशी जताई। पूर्व ओलिंपियन रोशन ने हालांकि सरकार की ओर से स्की खेलों को नजरअंदाज किए जाने और खिलाड़ियों को किसी तरह का समर्थन नहीं दिये जाने पर नाराजगी प्रकट की।
स्कीइंग में अंतरराष्ट्रीय पदक जीतने वाली पहली भारतीय आंचल ठाकुर को उम्मीद है कि उनके पदक से शीतकालीन खेलों के प्रति सरकार की उदासीनता खत्म होगी। तुर्की में कांस्य पदक जीतने वाली आंचल को चारों ओर से बधाई मिल रही है। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें खुद बधाई दी है। आंचल ने पीटीआई से कहा, “मैने कभी सोचा भी नहीं था कि प्रधानमंत्री मेरे लिये ट्वीट करेंगे। यह अकल्पनीय है। मैं उम्मीद करती हूं कि हमें भी दूसरे लोकप्रिय खेलों के खिलाड़ियों के समकक्ष आंका जाये। फिलहाल सरकार से कोई सहयोग नहीं मिला है।” आंचल ने कहा “मैं इतना ही कहना चाहती हूं कि हम काफी परेशानियों से जूझ रहे हैं और कड़ी मेहनत कर रहे हैं।”
चंडीगढ के डीएवी कालेज की छात्रा आंचल के लिये यह सफर आसान नहीं था। हालांकि उनके पिता रोशन ठाकुर भारतीय शीतकालीन खेल महासंघ के सचिव हैं और स्कीइंग के शौकीन हैं। उनके बच्चों आंचल और हिमांशु ने कम उम्र में ही स्कीइंग को अपना लिया था। आंचल ने कहा “मैं सातवीं कक्षा से ही यूरोप में स्कीइंग कर रही हूं। पापा हमेशा चाहते थे कि मैं स्कीइंग करूं और वे इसके लिये अपनी जेब से खर्च कर रहे थे। बिना किसी सरकारी सहायता के उन्होंने मुझ पर और मेरे भाई पर काफी खर्चा किया है।” इसके आगे आंचल ने कहा “भारत में स्कीइंग करना हमारे लिये सबसे चुनौतीपूर्ण था क्योंकि यहां अधिकांश समय बर्फ नहीं गिरती है, लिहाजा हमें बाहर जाकर अभ्यास करना पड़ता था।”