नई दिल्ली: पेरिस में 26 जुलाई से ओलंपिक खेलों का आगाज हो जाएगा जो 11 अगस्त तक खेला जाएगा। ऐसे में हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं कि भारत ने आजादी के बाद आखिर कब ओलंपिक में अपना पहला मेडल जीता था। आजादी से पहले भी भारत का ओलंपिक खेलों में हॉकी में दबदबा देखने को मिला था जिसमें 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक गेम्स में हॉकी टीम ने गोल्ड मेडल जीता था, लेकिन आजादी के बाद भारत ने साल 1948 में हॉकी में ही अपना पहला मेडल जीतने में कामयाबी हासिल की थी।
साल 1948 में लंदन में ओलंपिक गेम्स खेले गए थे जिसमें भारतीय हॉकी टीम का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला था। आजादी से पहले जो ब्रिटिश टीम भारत के खिलाफ ओलंपिक में खेलने से मना कर देती थी उसे पहली बार टीम इंडिया का सामना करना पड़ा। भारत को इस ओलंपिक गेम्स में पूल-ए में जगह मिली थी जिसमें उसके साथ ऑस्ट्रिया, स्पेन और अर्जेंटीना के साथ था। भारतीय हॉकी टीम ने अपना आगाज बेहतरीन तरीके से करते हुए ऑस्ट्रिया के खिलाफ पहले मुकाबले को 8-0 से अपने नाम किया था। वहीं इसके बाद अर्जेंटीना और स्पेन को मात देते हुए सेमीफाइनल में अपनी जगह को पक्का किया था।
सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद भारतीय हॉकी टीम का मुकाबला नीदरलैंड की टीम से हुआ था और इसमें भी टीम का विजयी अभियान जारी देखने को मिला जिसके बाद फाइनल में टीम का सामना 12 अगस्त 1948 को वेम्बली स्टेडियम में इंग्लैंड की टीम से हुआ। इसमें भारत ने बलबीर सिंह के 2 गोल और तरलोचन सिंह और पैट्रिक जेनसन ने एक-एक गोल किया और भारत ने इस मैच को 4-0 से अपने नाम करने के साथ ओलंपिक में अपना पहला मेडल ही गोल्ड के रूप में जीता।