नई दिल्ली। सोनिया (57 किग्रा) ने 10वें एआईबीए महिला मुक्केबाजी विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में प्रवेश कर भारत का दूसरा रजत पदक पक्का किया। जबकि सिमरनजीत कौर (64 किग्रा) को कड़े मुकाबले में हारने के बाद कांस्य पदक मिला। दोनों भारतीयों के खिलाफ मुक्केबाज काफी तेज तर्रार और फुर्तीली थी जिससे मेजबानों की एक मुक्केबाज की रणनीति कहीं न कहीं कम रह गई, पर एक सटीक पंच से जीतने में सफल रही। भारत की चार मुक्केबाज सेमीफाइनल में पहुंची थीं, जिसमें से पांच बार की चैम्पियन एमसी मैरीकॉम (48 किग्रा) और सोनिया ने फाइनल में जगह सुनिश्चित की। अब इन दो पदकों का रंग 24 नवंबर को तय होगा जब ये दोनों मुक्केबाज स्वर्ण पदक के लिए रिंग में चुनौती पेश करेंगी, पर दो रजत पक्के हो गए हैं।
मैरीकॉम और सोनिया से देश को है स्वर्ण पदक की उम्मीद
लंदन ओलंपिक की कांस्य पदकधारी मैरीकॉम फाइनल मुकाबले में यूक्रेन की हन्ना ओखोटा से भिड़ेंगी। भारत ने 2006 में भी महिला विश्व चैम्पियनशिप की मेजबानी की थी, जिसमें देश ने तीन स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक सहित कुल आठ पदक अपनी झोली में डाले थे जो देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बना रहेगा। सिमरनजीत और लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) ने दो कांस्य पदक जीते। भिवानी की सोनिया ने सेमीफाइनल में उत्तर कोरिया की जोन सोन ह्वा को 5-0 से शिकस्त देकर खिताबी भिड़त पक्की की। अब 24 नवंबर को होने वाले फाइनल में वह जर्मनी की गैब्रियल आर्नेल वाहनर से भिड़ेंगी, जिन्होंने नीदरलैंड्स की जेमियमा बेट्रियन को 5-0 से मात दी।
सिमरनजीत को सेमीफाइनल में चीनी मुक्केबाज ने हराया
सिमरनजीत को अंतिम चार में चीन की डान डोऊ से 1-4 से पराजय मिली। पांचों जज ने चीन की मुक्केबाज को 30-27 27-30 30-27 30-27 29-28 अंक प्रदान किए। चीन की खिलाड़ी अब फाइनल में यूक्रेन की मारिया बोवा से भिड़ेंगी। जोन सोन ह्वा एशियाई खेलों की रजत पदकधारी हैं जो काफी फुर्तीली थी, पर सोनिया के पंच ज्यादा सटीक रहे जिससे जिससे इस भारतीय ने सर्वसम्मत फैसले में जीत हासिल की। जजों ने मेजबान देश की मुक्केबाज को 30-27 30-27 30-27 29-28 30-27 अंक प्रदान किये। अपनी पहली बड़ी प्रतियोगिता खेल रही सोनिया ने अभी तक टूर्नामेंट के हर मुकाबले में पहले राउंड में प्रतिद्वंद्वी की मजबूती को परखा है और उसके बाद दूसरे व तीसरे राउंड में आक्रामक पंच से अंक जुटाए हैं। यह मुकाबला भी अलग नहीं रहा, पर चुनौती के लिहाज से यह काफी कठिन साबित हुआ।