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Thursday, April 3, 2025

कैनवास के जूते पहन गेंदबाजी करते थे अश्विनी कुमार, शेयर्ड ऑटो से जाते थे पीसीए स्टेडियम, पूर्व खिलाड़ी ने निखारा

नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग 2025 (IPL 2025)में सोमवार (31 मार्च) को मुंबई इंडियंस के 23 वर्षीय तेज गेंदबाज अश्विनी कुमार ने जब वानखेड़े स्टेडियम में कोलकाता नाइट राइडर्स पर कहर बरपाया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उनके पिता हरकेश कुमार एक कोने में खड़ी साइकिल को देख रहे थे। यह वही साइकल थी जिस पर उनका बेटा कभी-कभी अपने गांव झंझेरी से मैच खेलने के लिए आईएस बिंद्रा पीसीए स्टेडियम तक की 11 किलोमीटर की दूरी तय करता था। गांव में डेढ़ एकड़ जमीन के मालिक हरकेश अपनी पत्नी मीना रानी और बड़े बेटे शिव राणा के साथ मैच देख रहे थे। वह अपने आंसू नहीं रोक पाए।

अश्विनी कुमार ने आईपीएल करियर की पहली ही गेंद पर विकेट लिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कप्तान अजिंक्य रहाणे, रिंकू सिंह, मनीष पांडे और आंद्रे रसेल को आउट किया। अश्विनी का सफर आसान नहीं है। वह 30 रुपये में शेयर ऑटो से पीसीए एकेडमी जाते थे। भारत के पूर्व तेज गेंदबाज वीआरवी सिंह ने उन्हें ट्रेन किया है। कैनवास यानी कपड़े के जूते (पीटी वाले जूते) का इस्तेमाल करते थे।

लिफ्ट लेते या शेयर्ड ऑटो या साइकिल जाते थे पीसीए स्टेडियम

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, “बारिश हो या तेज धूप, अश्विनी कभी भी मोहाली में पीसीए या बाद में मुल्लांपुर के नए स्टेडियम में जाने से नहीं हिचकिचाते। कभी-कभी वह साइकिल से पीसीए एकेडमी जाते या लिफ्ट लेते या शेयर्ड ऑटो में जाते। मुझे याद है कि वह मुझसे किराए के लिए 30 रुपये लेते थे और जब उन्हें मेगा ऑक्शन में मुंबई इंडियंस ने 30 लाख रुपये में खरीदा तो मुझे पता था कि उनका एक-एक पैसा कीमती है। आज हर विकेट के बाद मैं उन दिनों के बारे में सोच रहा हूं जब वह अपनी ट्रेनिंग के बाद रात 10 बजे लौटते थे और अगले दिन सुबह 5 बजे उठकर पसीना बहाते थे।”

अभिषेक शर्मा, रमनदीप सिंह और अर्शदीप सिंह

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अश्वनी के दोस्त डॉ. जसप्रीत सोनी, डॉ. बलजिंदर सिंह और मोहित राणा 20 अन्य युवाओं के साथ अपने दोस्त की सफलता का जश्न पटाखे फोड़कर मनाया। सोनी ने गांव के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बारे में बताया। 2014 में युवा अश्विनी ने अपने दोस्त अमन ठाकुर के साथ मैदान पर क्रिकेट खेलना शुरू किया। शुरुआती दिनों में पीसीए एकेडमी में अभिषेक शर्मा, रमनदीप सिंह और अर्शदीप सिंह के साथ खेलने वाले इस युवा ने 2019 में पंजाब के लिए रणजी में डेब्यू किया।

नॉर्मल कैनवास के जूते पहनकर तेज गेंदबाजी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अश्विनी के बड़े भाई शिव राणा ने बताया, “अश्वनी मुझसे और गांव के अन्य युवाओं से कहता था कि चाहे कुछ भी हो, सुबह जल्दी स्कूल के मैदान पर पहुंचो और हममें से अधिकांश लोग स्कूल के मैदान पर उसके खिलाफ बल्लेबाजी करते थे। कभी-कभी, वह स्थानीय टीमों के लिए खेलने के लिए गांव के पास अन्य क्रिकेट मैदानों में जाता था और शाम को फिर से हमें खेलने के लिए बुलाता था। वह नॉर्मल कैनवास के जूते पहनकर तेज गेंदबाजी करता था और अब इटली में रहने वाले चाहत राणा जैसे दोस्त और अन्य लोग क्रिकेट की गेंदों और स्पाइक्स देकर उसकी मदद करते थे। उसका जुनून क्रिकेट खेलना और हमें गौरवान्वित करना था और आज उसने हम सभी के लिए यह कर दिखाया है।

कोच हरविंदर बैदवान हुए प्रभावित

मोहाली क्रिकेट एसोसिएशन के कोच हरविंदर बैदवान ने अश्विनी को पहली बार 2016 में पीसीए स्टेडियम के पास एमसीए ग्राउंड में देखा था। बैदवान को याद है कि कैसे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अश्विनी ने मैदान पर 200 से ज्यादा ट्रेनी के बीच अपनी जगह बनाई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, “हम कोच के तौर पर हमेशा तेज गेंदबाजी के लिए अच्छी शारीरिक बनावट वाले लड़कों को चाहते हैं और अश्विनी के पास हमेशा से यह था। हमने उसके लैंडिंग फुट और फ्रंट रनिंग तकनीक पर काम किया। वह अच्छी बाउंसर और शॉर्ट बॉल भी डालता था। वह गेंद को सीम मूवमेंट के साथ स्विंग भी करता था जो कम उम्र में उसके लिए फायदेमंद साबित हुआ। एक बार इंटर-डिस्ट्रिकट मैच में आखिरी ओवर में 20 रन बने थे, लेकिन फिर वह उसी शाम नेट्स पर वापस आया और अपनी धीमी और यॉर्कर गेंदें आजमाने लगा। उसकी तेज बाउंसर भी हमेशा उसके लिए कारगर रही।”

2023 में शेर-ए-पंजाब टी20 कप जीता था

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पीसीए एकेडमी में अश्विनी ने कोच दिनेश, सुमित ओहरी और भारत के पूर्व तेज गेंदबाज वीआरवी सिंह के अंडर में ट्रेनिंग ली। यह युवा खिलाड़ी बीआरवी ब्लास्टर्स टीम का भी हिस्सा थे, जिसने पिछले साल 2023 में शेर-ए-पंजाब टी20 कप जीता था। पीसीए एकेडमी के कोच दिनेश याद करते हुए बताते हैं, “जब वह पीसीए एकेडमी में ट्रेनिंग लेने के लिए जुड़ा तो उसका शरीर गांव के अन्य बच्चों की तरह मजबूत था। उसने गेंदबाजी करना सीखा और उसका गेंदबाजी एक्शन बहुत अच्छा था। गेंद लोड करते समय उसके दोनों हाथ 90 डिग्री की कोण से आते थे और उसका आर्म एक्शन बहुत तेज था। उसकी लंबाई कम थी, लेकिन उसके आर्म एक्शन से गेंद की गति बढ़ती थी। उसे हरविंदर सिंह पाजी के अंडर भी ट्रेनिंग मिली और उसने उनके अंडर में कुछ समय भी बिताया।”

भारत के पूर्व खिलाड़ी वीआरवी सिंह ने दी ट्रेनिग

शेर-ए-पंजाब कप के दो सीजन में अश्विनी कुमार ने 13 विकेट चटकाए और उन्हें भारत के पूर्व खिलाड़ी वीआरवी सिंह ने ट्रेनिग दी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पीसीए सचिव दिलशेर खन्ना कहते हैं, “वीआरवी सिंह ने उनके तेज गेंदबाजी को पहचाना और उन्हें तेज गेंदबाज़ी की तकनीकी बातें समझाने पर काम किया। हरविंदर सिंह पूरे कार्यक्रम की देखरेख करते हैं, जबकि वीआरवी उसके बॉलिंग एक्शन और पिच से बाहर की गति का उपयोग करने जैसी चीजों में मदद करते हैं।”

कुमार टेनिस एल्बो से पीड़ित थे

अश्विनी कुमार ने चेन्नई सुपर किंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स और राजस्थान रॉयल्स के लिए भी ट्रायल दिया था। 2020 में, कुमार टेनिस एल्बो से पीड़ित थे और एक साल से अधिक समय तक खेल से दूर रहे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मोहाली डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के क्रिकेट ऑपरेशंस डायरेक्ट और कोच वरिंदर सिंह ने कहा, “हमने उनकी इनस्विंग पर काम किया क्योंकि पहले उनकी गेंदें आउटस्विंग करती थीं। हमने उनकी यॉर्कर पर भी काम किया और वह मोहाली में ओपन नेट्स में भारतीय खिलाड़ी रमनदीप सिंह को गेंदबाजी करते थे।

बुमराह और मिचेल स्टार्क की तरह बनना चाहते थे

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अश्विनी के बड़े भाई शिव राणा ने कहा, “उन्होंने आईपीएल टीमों के लिए ट्रायल में हिस्सा लिया, लेकिन वह हमेशा जसप्रीत बुमराह और मिचेल स्टार्क की तरह बनना चाहते थे। उनके दोस्त उनके लिए क्रिकेट बॉल खरीदने के लिए पैसे इकट्ठा करते थे और जब उन्हें मुंबई इंडियंस ने 30 लाख रुपये में खरीदा, तो सबसे पहले उन्होंने हमारे गांव के पास की एकेडमियों में क्रिकेट किट और बॉल वितरित करवाई। वह हमेशा मुझसे कहता था कि उसकी पसंदीदा जर्सी वह होगी जिस पर उसका अपना नाम हो। और आज के प्रदर्शन से उन्होंने यह सुनिश्चित कर दिया है कि बच्चे उसके नाम की जर्सी पहनेंगे।”

चीला और पराठे पसंद

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मां मीना कुमारी जानती हैं कि अश्विनी वापस आने पर क्या पूछेगा। गर्व महसूस मा हंसते हुए पटाखे फोड़ते हुए बोलीं, “उसे बेसन का चीला और आलू के पराठे पसंद हैं। आज मुंबई में उसे यही सब चाहिए होगा।”

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