क्वांटन (मलेशिया)गोलकीपर पी आर श्रीजेश के शानदार प्रदर्शन से भारत ने शनिवार (29 अक्टूबर) को यहां चौथी एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी हॉकी प्रतियोगिता में दक्षिण कोरिया को पेनल्टी शूटआउट में हराकर फाइनल में जगह बनायी। टखने की चोट से उबरकर खेल रहे श्रीजेश ने सेमीफाइनल मुकाबले में दक्षिण कोरिया के अंतिम प्रयास को रोककर शूटआउट में टीम की 5-4 से जीत निश्चित की। दोनों टीमें नियमित समय में 2-2 से बराबरी पर थी। श्रीजेश ने ली डाई यिओल के गोल को रोककर भारत को रविवार (30 अक्टूबर) को होने वाले फाइनल में पहुंचाया। भारत ने इस तरह एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में तीसरी बार जगह बनायी। भारत ने 2011 में शुरुआती चरण में जीत दर्ज की थी जबकि 2012 में वह पाकिस्तान के बाद उप विजेता रहा था।शीर्ष रैंकिंग की भारतीय टीम को युवा कोरियाई टीम से कड़ी प्रतिद्वंद्विता का सामना करना पड़ा जिसने एक गोल गंवाने के बाद वापसी की और फिर थोड़ी देर तक बढ़त भी बनाए रखी थी। लेकिन भारत ने नियमित समय के दौरान बराबरी हासिल कर ली।
तलविंदर सिंह ने 15वें मिनट में मैदानी गोल कर भारत को शुरुआती बढ़त दिलायी लेकिन कोरिया ने सियो इन वू के 21वें मिनट में किए गोल से स्कोर 1-1 से बराबरी पर ला दिया। कोरिया ने 53वें मिनट में यांग जि हुन के पेनल्टी कॉर्नर से किए गए गोल से 2-1 से बढ़त बना ली। हालांकि यह बढ़त दो मिनट तक ही रही क्योंकि रमनदीप सिंह ने 55वें मिनट में गोल कर स्कोर 2-2 से बराबरी पर ला दिया।शूटआउट में सरदार सिंह, रमनदीप सिंह, रूपिंदर पाल सिंह और आकाशदीप सिंह ने पहले चार प्रयासों में गोल किये। लेकिन बीरेंद्र लाकड़ा को बाधा पहुंचायी गयी जिससे परिणामस्वरूप भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला जिस पर रूपिंदर ने गोल दागा जिससे भारत ने पांच गोल किए। दक्षिण कोरिया के लिए कप्तान जंग मान जाई, किम हयोंग जिन और ली जंग जुन को अपने प्रयासों में कोई समस्या नहीं हुई। श्रीजेश ने बाई जोंग सुक के गोल को रोक दिया। लेकिन कोरिया ने वीडियो रैफरल मांगा जिसके बाद उसे पेनल्टी स्ट्रोक दिया गया जिस पर यांग जि हुन ने गोल कर दिया। इससे मुकाबला अंतिम शाट पर आ गया जिस पर श्रीजेश ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए ली डाई यिओल को गोल करने से रोक दिया और भारत ने जीत दर्ज की।