जकार्ता। एशियन गेम्स 2018 में गुरुवार का दिन भारत के लिए ज्यादा खास नहीं रहा। गुरुवार को भारत के खाते में 3 पदक आए। पहला मेडल टेनिस में अंकिता रैना ने दिलाया, तो दूसरा मेडल शूटिंग में 15 साल के शार्दुल विहान ने जीता। अंकिता रैना ने टेनिस में देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता। वहीं शार्दुल सिल्वर पर निशाना साधने में कामयाब रहे। वहीं तीसरा मेडल कबड्डी में आया। अब भारत के पदक की संख्या 18 हो गई है। वहीं पदक तालिका में भारत चार गोल्ड, चार सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज मेडल के साथ दसवें स्थान पर आ गया है। गुरुवार को भारत को सबसे बड़ी निराशा कबड्डी में हाथ आई। भारतीय पुरुष टीम सेमीफाइनल में ईरान के हाथों 27-18 से हार गई। एशियन गेम्स के इतिहास में यह पहला मौका है जब भारतीय स्वर्ण पदक के दौड़ से बाहर हो गई है।
प्रजनेश फाइनल में, भारत का एक और मेडल पक्का-
इस बीच, टेनिस में एक पदक और पक्का हो गया है। प्रजनेश गुणेश्वरन पुरूषों के एकल मुकाबलों में फाइनल में पहुंच गए हैं। सेमीफाइनल में उन्होंने वोन सून वू को 6-7, 6-4, 7-6 हराया। इससे पहले शार्दुल विहान ने डबल ट्रैप इवेंट में सिल्वर मेडल जीता। 15 साल के शार्दुल ने पांचवें दिन भारत को चौथा सिल्वर मेडल दिलाया है। विहान ने पुरुषों की डबल ट्रैप स्पर्धा में 73 के स्कोर के साथ सिल्वर मेडल जीता। कोरिया के ह्यूनवुड शिन ने गोल्ड जबकि कतर के हमाद अली अल मारी ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। वहीं अंकिता रैना ने महिला सिंगल्स टेनिस में कांस्य हासिल किया। यह तीसरा मौका है जब एशियन गेम्स में टेनिस के महिला सिंगल्स में भारत को पदक मिला है। इससे पहले सानिया मिर्जा 2006 में रजत और 2010 में कांस्य पदक जीत चुकी हैं।
एशियाड में मेडल जीतने वाले सबसे युवा भारतीय शूटर
भारत के 15 साल के शूटर शार्दुल विहान ने डबल ट्रैप इवेंट का सिल्वर मेडल जीता। उन्होंने फाइनल में कुल 73 का स्कोर किया और दूसरे नंबर पर रहे। वे एशियन गेम्स इतिहास के सबसे युवा भारतीय मेडलिस्ट बन गए हैं। यह भारत का 18वें एशियन गेम्स में शूटिंग में आठवां मेडल है। भारत के अब तक शूटिंग में दो गोल्ड, 4 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज हो गए हैं। भारत इंचियोन गेम्स (2014) के कुल मेडल की बराबरी करने से सिर्फ एक मेडल दूर हैं। इस इवेंट का गोल्ड द. कोरिया के 34 वर्षीय शूटर ह्यूनवू शिन और ब्रॉन्ज कतर के 42 साल के शूटर हमद अली अल मारी ने अपने नाम किया। दसवीं क्लास के शूटर विहान ने अपने से दोगुनी उम्र के खिलाड़ियों को कड़ी चुनौती दी। ब्रॉन्ज मेडलिस्ट की उम्र तो उनकी उम्र से तिगुनी थी। विहान ने क्वालिफिकेशन में 141 का स्कोर किया था। उन्होंने अपने पहले ही सीनियर टूर्नामेंट में मेडल जीत लिया। उन्होंने पहले 10 शॉट में से तो एक भी मिस नहीं किया। वे 30 शॉट तक बढ़त बनाए हुए थे। डबल ट्रैप में एक अन्य भारतीय अंकुर मित्तल फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर सके। उन्होंने 134 का स्काेर किया और नौवें नंबर पर रहे। वहीं, महिलाओं में श्रेयसी सिंह छठे और वर्षा वर्मन सातवें नंबर पर रहीं। विहान मेडल जीतने वाले तीसरे टीनेजर हैं।
डबल ट्रैप में मेडल जीतने वाले तीसरे भारतीय बने
विहान एशियन गेम्स में डबल ट्रैप इवेंट में मेडल जीतने वाले तीसरे भारतीय हैं। उनसे पहले, रंजन सोढ़ी ने 2010 (ग्वांगझू) में गोल्ड और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 2006 (दोहा) में ब्रॉन्ज जीता था। विहान ने पिछले साल चार नेशनल टाइटल जीते। उन्होंने जर्मनी में जूनियर वर्ल्ड कप में भी मेडल जीता। भारतीय निशानेबाजी संघ जूनियर शूटर्स को अधिक से अधिक इंटरनेशनल इवेंट में शामिल होने के लिए भेज रहा है। इसका अच्छा परिणाम भी अब देखने को मिल रहा है।
कोच मनशेर सिंह ने विहान से कहा था- कल सब तेरे से बड़ी उम्र के ही होंगे- विहान ने बताया, ‘मुझे वीडियो गेम्स बहुत पसंद है। उसमें भी शूटिंग वाले ही खेल खेलता हूं। बुधवार रात गेम्स विलेज में मैं शूटिंग वीडियो गेम खेल रहा था। तभी कोच मनशेर सिंह आए और मुझसे बोले- कल सब तेरे से बड़ी उम्र के होंगे, चढ़ के खेलना। मैंने वैसा ही किया। मैंने उम्र को लेकर खुद पर कोई दबाव नहीं बनाया।
विहान शूटिंग से पहले क्रिकेट और बैडमिंटन खेलते थे
विहान मेरठ के बिजनेस फैमिली से ताल्लुक रखते हैं। उनके परिवार का प्रापर्टी का बिजनेस है। उनके यहां खेती भी है। वे शूटिंग से पहले क्रिकेट और बैडमिंटन भी खेलते थे। चार साल पहले उन्होंने नाॅर्थ जोन मीट में शूटिंग का मेडल जीता। इसके बाद उन्होंने शूटिंग पर फोकस करना शुरू कर दिया। वे रोजाना ट्रेनिंग के लिए मेरठ से दिल्ली जाते हैं और रात 9 बजे तक लौटते हैं। विहान को कुकिंग का भी शौक है।
विहान ने 4 साल पहले ही शूटिंग शुरू की। वे 4 नेशनल टाइटल जीत चुके हैं। सीनियर इंटरनेशनल कैटेगरी में उनका यह पहला मेडल है।
महिला कबड्डी:2 बार की चैंपियन भारत का आज ईरान से सामना
दो बार की डिफेंडिंग चैंपियन महिला कबड्डी टीम ने लगातार तीसरी बार फाइनल में जगह बना ली। भारतीय महिलाओं ने ताइवान को 27-14 से हराया। महिला टीम ने ग्वांग्झू में थाईलैंड को 28-14 से तथा इंचियोन में ईरान को 31-21 से हराकर गोल्ड जीता था। भारतीय टीम एशियाड में अब अपने तीसरे गोल्ड के लिए ईरान के खिलाफ उतरेगी। इससे पहले भारतीय टीम ने ग्रुप-ए में टॉप करते हुए अंतिम-4 में जगह बनाई थी। टीम ने 2012, 2013 और 2014 में महिला वर्ल्ड कप का खिताब भी जीता है। इसने एक अन्य सेमीफाइनल में ईरान ने थाईलैंड को 23-16 से हराया। 2010 से इस खेल को एशियन गेम्स में शामिल किया गया है। तब से भारतीय टीम ही चैंपियन रही है।