बजरंग पूनिया ने आज यहां एशियाई कुश्ती चैम्पियशिप के पुरूष 65 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में कोरिया के सेयुंगचुल ली के खिलाफ पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए जीत दर्ज की और भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। सरिता ने महिला 58 किग्रा वर्ग में रजत पदक हासिल किया। बजरंग ने 6-2 से शानदार जीत दर्ज करते हुए कंधे पर तिरंगा लेकर विक्टरी लैप लगाकर इस जीत का जश्न मनाया। अपनी स्वर्ण पदक की बाउट में 23 वर्षीय भारतीय ने शुरूआत में दो अंक गंवा दिये थे और ब्रेक तक 0-2 से पिछड़ रहे थे। लेकिन इसके बाद दूसरे हाफ में उन्होंने शानदार वापसी की और अपने कोरियाई प्रतिद्वंद्वी को और अंक जुटाने का जरा भी मौका नहीं दिया।
उन्होंने पहले ली को मैट से बाहर कर एक अंक जुटाया और फिर कोरियाई पहलवान को गिराकर दो अंक हासिल करते हुए 3-2 से बढ़त बना ली। इसके बाद बजरंग ने आक्रामक खेल दिखाया और विपक्षी पहलवान को वापसी नहीं करने दी। इसके बाद तीन अंक और जुटाकर उन्होंने बाउट जीत ली। लंदन ओलंपिक के पदकधारी पहलवान योगेश्वर दत्त भी गैलरी में मौजूद थे। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने बजरंग से रक्षात्मक के बजाय हमेशा आक्रामक खेलने की बात की है और आज इसका फायदा मिला। एशियाई चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना सचमुच बहुत बड़ी चीज है। ’ बजरंग ने अपने वजन वर्ग के सेमीफाइनल दौर में कुकगवांग किम पर 3-2 से मिली कड़ी जीत के बाद फाइनल में जगह सुनिश्चित की।
बजरंग ने क्वार्टरफाइनल में एशियाई चैम्पियनशिप के पिछले चरण के स्वर्ण पदकारी ईरान के मेसाम नासिरी को 7-5 से हराया था। इससे पहले क्वालीफिकेशन दौर में उन्होंने उज्बेकिस्तान के पहलवान सिरोजिद्दीन हसानोव पर 4-3 से जीत दर्ज की। हालांकि भारतीय महिला पहलवानों से स्वर्ण पदक दूर ही रहा लेकिन यह एशियाई चैम्पियनशिप में उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है जिसमें उन्होंने छह पदक हासिल किये हैं जिसमें चार रजत और दो कांस्य शामिल हैं। वर्ष 2003 के सत्र में भारत ने कुल पांच पदक जीते थे जिसमें दो रजत और तीन कांस्य पदक शामिल थे।
सरिता महिला 58 किग्रा के फाइनल में किर्गिस्तान की एसुलु टाइनीबेकोवा से 0-6 से हार गयी और उसे रजत पदक से संतोष करना पड़ा। उन्होंने दो किग्रा वजन कमकर 60 किग्रा के बजाय 58 किग्रा में खेलने का फैसला किया क्योंकि साक्षी मलिक और उन्होंने अपने वजन वर्गों की अदला बदली की। सरिता ने हालांकि अपने स्वर्ण पदक मैच में हारने से पहले शानदार प्रदर्शन किया।
सरिता ने कहा, ‘‘दो किग्रा ज्यादा करना कोई बड़ी बात नहीं है। हमारे लिये दो या तीन किग्रा उच्च्पर नीचे कर इसमें फेरबदल करना आम बात है। अभी मेरा वजन 58 किग्रा है इसलिये मैं इस वर्ग में लड़ने में सहज थी। मैं इस प्रदर्शन को जारी रखना चाहती हूं और अगस्त में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप के लिये क्वालीफाई करने की तैयारी करूंगी। ’’