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Friday, May 16, 2025

खेलों के विकास और ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन के लिए खेल मंत्रालय के साथ BCCI की बड़ी साझेदारी

नई दिल्ली: भारत में खेलों के विकास और ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन के लिए खेल मंत्रालय ने एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है, जिसमें विशेष ओलंपिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इस योजना को बल देने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने दो से तीन खेलों को अपनाने की इच्छा जताई है। यह पहल न केवल खेलों को बढ़ावा देगी, बल्कि भारत के युवा प्रतिभाओं को वैश्विक मंच पर चमकने का अवसर भी प्रदान करेगी।

खेल मंत्रालय का लक्ष्य

खेल मंत्रालय ने प्रत्येक खेल के लिए समर्पित ओलंपिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है। मंत्रालय का लक्ष्य है कि पूरे देश से 100 से 200 प्रतिभाशाली एथलीट्स को चिह्नित किया जाए और उन्हें वर्तमान और अगले ओलंपिक चक्र के लिए प्रशिक्षित किया जाए। इन केंद्रों में अलग-अलग आयु वर्ग के खिलाड़ियों को विश्व स्तरीय प्रशिक्षण और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में खेल मंत्री ने 58 कॉरपोरेट्स के साथ बैठक की, जिसमें कई बड़े कॉरपोरेट हाउस, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां (PSU) और बीसीसीआई ने इन प्रशिक्षण केंद्रों को वित्तीय सहायता देने में रुचि दिखाई। बीसीसीआई ने दो से तीन खेलों के सभी खर्च उठाने की पेशकश की है।”

BCCI की भूमिका

बीसीसीआई, जो पहले भी भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) को वित्तीय सहायता प्रदान कर चुका है, इस बार और बड़े स्तर पर योगदान देने को तैयार है। पिछले साल 2024 पेरिस ओलंपिक की तैयारियों के लिए बीसीसीआई ने आईओए को 8.5 करोड़ रुपये की सहायता दी थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने ओलंपिक प्रशिक्षण केंद्रों के विकास में रुचि दिखाई है, जिसमें सरकार को कोई वित्तीय बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। बीसीसीआई उन खेलों पर ध्यान दे सकता है, जो क्रिकेट से कुछ हद तक समानता रखते हैं, जैसे बेसबॉल। बीसीसीआई की विशेषज्ञता और संसाधन इन खेलों में नई जान फूंक सकते हैं।

SAI द्वारा संचालित NCOE

वर्तमान में, भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) द्वारा संचालित 23 राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (NCOE) देश में मौजूद हैं। हालांकि, इनमें से केवल तीन केंद्र ही एक-एक खेल के लिए समर्पित हैं-रोहतक में मुक्केबाजी, दिल्ली में तैराकी और दिल्ली में निशानेबाजी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, खेल मंत्रालय की नई योजना के तहत प्रत्येक खेल के लिए अलग-अलग केंद्र स्थापित किए जाएंगे, ताकि खिलाड़ियों को विशेष प्रशिक्षण और सुविधाएं मिल सकें।

ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया कार्डधारकों को मौका

खेल मंत्रालय एक और महत्वपूर्ण कदम पर विचार कर रहा है, जिसमें भारतीय मूल के खिलाड़ियों को शामिल किया जाएगा। विशेष रूप से उन खेलों में, जहां भारत का प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर है, जैसे फुटबॉल। मंत्रालय ओसीआई (ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया) कार्डधारकों को देश का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति देने पर विचार कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में, 2008 में तत्कालीन खेल मंत्री एमएस गिल द्वारा बनाई गई नीति के तहत केवल भारतीय नागरिक ही अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में देश का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। इस नीति के कारण ओसीआई और भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO) कार्डधारक अयोग्य माने जाते हैं। हालांकि, मंत्रालय अब इस नीति पर पुनर्विचार करने को तैयार है।

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