भोपाल। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) द्वारा भोपाल में क्रिकेट की गतिविधियों को संचालित करने के लिए गठित एडहॉक कमेटी पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने बीडीसीए के संयुक्त सचिव सुशील सिंह ठाकुर द्वारा लगाई गई उस याचिका को स्वीकार कर लिया है जिसमें एडहॉकी कमेटी की कार्यप्रणाली को चैलेंज किया गया था। कोर्ट ने 24 अक्टूबर के आदेश में आगामी आदेश या सुनवाई तक एडहॉक बाडी की कार्यप्रणाली पर रोक लगाते हुए तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। इधर, स्टे मिलने के बाद भोपाल संभागीय क्रिकेट एसोसिएशन (बीडीसीए) के धु्रव नारायण सिंह गुट ने सभी चयन समिति घोषित कर दी है। जिसे आरिफ अकील गुट के अरुणेश्वर सिंह देव ने हाई कोर्ट के उस आदेश की अवमानना करार दिया है, जिसमें जांच पूरी होने तक बीडीसीए के दोनों गुटों पर नीतिगत और वित्तीय मामलों के फैसले लेने पर रोक लगाई थी।
सदस्य पंजीयन मामले की जांच जारी
रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसयटी ने धु्रव नारायण गुट के चुनावों को सही ठहराया था। तब रजिस्ट्रार ने सदस्य पंजीयन मामले की जांच करने के लिए एमजे कुरैशी के नेतृत्व में एक जांच कमेटी बनाई थी। जिसकी जांच रिपोर्ट अभी लंबित है। बता दें कि फर्म्स एंड सोसायटी में दो मामले चल रहे थे, पहला चुनाव और दूसरा सदस्य पंजीयन। चुनाव मामले में रजिस्टार ने ध्रुव गुट को क्लीन चिट मिल गई थी। अब सदस्य पंजीयन का मामले की जांच हो रही है।
यह है चयन समिति
सीनियर टीम: रजत मोहन वर्मा (चेयरमैन), इमरान ययहा, महेंद्र सातोकर, उमर खान बाबा, अब्दुल रासिद खान (सदस्य)
अंडर-18: शांति कुमार जैन (चेयरमैन), डॉ. उमेश श्रीवास्तव, अरविंद वर्मा, अजय दावेद, अब्दुल अकील (सदस्य)
अंडर-16: एलएस गिल (चेयरमैन), अविनाश पाठक, सादउद्दीन, जितेंद्र प्रताप सिंह, अरशद खान (सदस्य)
अंडर-14: प्रदीप देशमुख (चेयरमैन), असद बेग, विशाल अय्यर, जावेद हमीद, अबिद अली (सदस्य)
महिला टीम: सनी भटनागर (चेयरमैन), शुभ्रा, निशा सिंघानिया, कृष्णा सिंह, वाई यादव (सदस्य)
हमने पहले भी भोपाल के खिलाड़ियों के लिए बेहतर काम किए और आगे भी करते रहेंगे। इसीलिए तत्काल चयन समिति का गठन कर इसका श्रीगणेश शुरू कर दिया है। इसकी सूचना एमपीसीए को भी दे दी गई है।
– धु्रव नारायण सिंह, अध्यक्ष, बीडीसीए (धु्रव नारायण गुट)
लीगल कांउसिल की सलाह से विकल्प तलाशेगा एमपीसीए
एडहॉकी बॉडी की कार्यप्रणाली पर हाईकोर्ट के स्टे के बाद एमपीसीए इस मामले के लिए कानूनी विकल्प तलाश रहा है। एमपीसीए के सीईओ रोहित पंडित ने बताया कि उन्होंने एक लेटर भेजा है जिसके साथ कोर्ट का आदेश भी संलग्न है। एमपीसीए कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए इस संबंध में लीगल काउंसिल से बात करेगा कि एडहॉक कमेटी पर स्टे के बाद क्या विकल्प बचता है।