भोपाल। एमपीसीए की एडहॉक बाडी के काम करने से भोपाल की क्रिकेट में साल भर के लिए थमा विवाद एक बार फिर उठ खड़ा हुआ है। जबलपुर हाईकोर्ट के एडहॉक बाडी पर रोक के आदेश के साथ ही बीडीसीए के दोनों धड़े सक्रिय हो गए हैं। आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा है। दो दिन पहले ध्रुव गुट ने प्रेस कान्फ्रेंस कर भोपाल में क्रिकेट संचालित करने का दावा करते हुए चयन समितियां घोषित कर दी थीं, जिसके जवाब में शनिवार को आरिफ गुट ने कहा कि ध्रुव गुट द्वारा की जा रही गतिविधियां पूरी तरह विधि विरुद्ध है। इसके खिलाफ हम फिर कोर्ट जाएंगे और वस्तुस्थिति से अवगत कराएंगे। खिलाड़ी और अभिभावक भ्रमित न हों। कुछ दिन में इसका निराकरण हो जाएगा।
आरिफ गुट के अध्यक्ष स्वयं आरिफ अकील और चेयरमैन एएस सिंहदेव ने पत्रकारों से कहा कि यह सही है कि हाईकोर्ट ने एमपीसीए की एडहॉक बाडी पर रोक लगाई है। लेकिन उस आदेश में यह कहां जिक्र है कि भोपाल में क्रिकेट संचालन ध्रुव गुट करेगा। इस आदेश से आठ जुलाई 2015 का फैसला स्वत: ही अस्तित्व में आ गया है। आठ जुलाई 2015 के आदेश के तहत भोपाल में दोनों विरोधी गुट किसी भी प्रकार की क्रिकेट गतिविधिया संचालित नहीं कर सकते। इसलिए हाईकोर्ट के अगले आदेश का इंतजार करना होगा। हमारी असली लड़ाई ध्रुव गुट द्वारा बनाए गए 100 नए सदस्यों को लेकर है। नए सदस्यों वाला मामला अभी भी हाईकोर्ट और रजिस्ट्रार फर्म्स सोसायटी में लंबित है। जब तक उसका निराकरण नहीं हो जाता विवाद की स्थिति बनी रहेगी। इस दौरान ध्रुव गुट द्वारा बनाई समितियों में शामिल कुछ सदस्यों ने भी विरोध जताया और कहा कि उनसे बगैर सहमति लिए उन्हें चयन समितियों में शामिल कर लिया गया है।