नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग के सबसे सफल गेंदबाज युजवेंद्र चहल के 19वें ओवर में हैट्रिक समेत चार विकेट ने एमए चिदंबरम स्टेडियम में मैच को पूरी तरह से पलट दिया। इससे पंजाब किंग्स (PBKS) को जीत की राह पर लौटने में मदद मिली और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) की प्लेऑफ की उम्मीदें खत्म हो गईं। सैम करन ने 47 गेंदों पर 88 रन की बदौलत उस ओवर से पहले तक चेन्नई आईपीएल 2025 में दूसरी बार और घरेलू मैदान पर पहली बार 200 का आंकड़ा पार करने के करीब थी।
चहल की फिरकी ऐसी चली कि चेन्नई सुपर किंग्स ने सात गेंदों के अंदर छह रन पर अपने आखिरी पांच विकेट गंवा दिए। ऐसे में पंजाब किंग्स को 210 के आसपास के बजाय 191 का लक्ष्य मिला। प्रभसिमरन सिंह और श्रेयस अय्यर के अर्धशतकों ने सुनिश्चित किया की पंजाब मैच न गंवाए। हालांकि, मैच का अंत नाटकीय अंदाज में हुआ। 9 गेंदों पर 3 रन चाहिए थे, लेकिन श्रेयस विजयी हिट की तलाश में बोल्ड हो गए। फिर पीबीकेएस ने सिर्फ दो रन बनाए और सूर्यंश शेडगे का विकेट खो दिया। मार्को यानसेन के बल्ले का अंदरूनी किनारे लेकर चौका मिला और 2 गेंद रहते मैच खत्म हुआ।
आईपीएल 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स का किला पूरी तरह ढह गया। चेन्नई सुपर किंग्स का प्लेऑफ में पहुंचने का फॉर्मूला था – चेपक में 7 में 5-6 जीत और अन्य वेन्यू पर 2-3 जीत। सालों से चला आ रहा यह फॉर्मूला इस बार काम नहीं आया। चेपक में चेन्नई सुपर किंग्स लगातार 5 मैच हारी। उसने मुंबई इंडियंस के खिलाफ जीत से सफर की शुरुआत की। इसके बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने 17 और दिल्ली कैपिटल्स (DC) ने 15 साल बाद चेपक में चेन्नई सुपर किंग्स को हराया।
सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ 6 साल से चला आ रहा सिलसिला थमा, जब चेन्नई सुपर किंग्स 154 रन पर ऑल आउट हो गई। 2019 के बाद पहली बार चेन्नई सुपर किंग्स अपने घरेलू मैदान पर ऑल आउट हुई। पंजाब किंग्स ने चेपक में 5वीं बार चेन्नई को हराकर कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) को पीछे छोड़ा और मुंबई इंडियंस (MI) की बराबरी की। पीबीकेएस ने पिछले आठ मैचों में से सात में सीएसके को हराया है, जिसमें 2023 के बाद से चेपक में तीन जीत शामिल हैं।
2020 में चेन्नई सुपर किंग्स पहली बार प्लेऑफ से चूक थी और नीचे से दूसरे स्थान पर रही थी। 2021 में वह चैंपियन बनी। 2022 में वह नौवें स्थान पर रही। 2023 में फिर चैंपिय बनी, लेकिन 2024 के बाद 2025 में भी प्लेऑफ में नहीं पहुंच पाई। आईपीएल इतिहास में पहली बार लगातार दूसरे सीजन वह प्लेऑफ में नहीं पहुंच पाई।