नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने गुरुवार को भारत के शतरंज विजेताओं को सम्मानित किया। इस दौरान उनके साथ खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे भी मौजूद रहीं। खेल मंत्री ने इस खास मुलाकात के दौरान डी हरिका के साथ शतरंज की बाजी भी खेली। बता दें कि, भारत के पुरुष और महिला शतरंज खिलाड़ियों ने इतिहास रचते हुए 45वें शतरंज ओलंपियाड में विजेता बनने का गौरव हासिल किया था।
मांडविया ने की विजेताओं की तारीफ
मांडविया ने भारत के शतरंज से जुड़ाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस खेल की शुरुआत भारत में हुई थी। खेल मंत्री ने कहा- वैश्विक मंच पर जीतकर आपने न केवल पूरे देश को गौरवान्वित किया है बल्कि हमारी पारंपरिक विरासत को भी सम्मानित किया है।
प्रेरित करना लक्ष्य
खेल मंत्री ने आगे कहा- भारत सरकार एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है जो सभी खेल स्पर्धाओं में प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करे। हम चाहते हैं कि हमारे एथलीट विश्व मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाने और देश का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित महसूस करें। मांडविया ने पदक विजेताओं को खेल मंत्रालय के ‘विकसित भारत राजदूत – युवा कनेक्ट कार्यक्रम’ में भाग लेने के लिए भी आमंत्रित किया जिसका उद्देश्य 2047 तक विकसित भारत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने में युवा ऊर्जा को दिशा देना है।
पुरुषों ने 21 और महिलाओं ने 19 अंक हासिल किए
शतरंज ओलंपियाड के 97 साल के इतिहास में पहली बार बेटों और बेटियों ने स्वर्ण जीता है। पुरुष टीम ने 11वें और अंतिम दौर में स्लोवेनिया को 3.5-0.5 से हराया और महिला टीम ने अजरबैजान को इसी अंतर से हराया। डी गुकेश, अर्जुन एरिगेसी, आर प्रज्ञानंद, विदित गुजराती और पी हरिकृष्णा की पुरुष टीम पूरे टूर्नामेंट में अजेय रही और कुल 22 में से 21 अंक हासिल किए। पुरुषों में अमेरिका ने रजत और उज्बेकिस्तान ने कांस्य जीता। डी हरिका, आर वैशाली, दिव्या देशमुख, वंतिका अग्रवाल और तानिया सचदेव की महिला टीम ने 19 अंक हासिल किए। कजाकिस्तान को रजत और अमेरिका को कांस्य मिला भारतीय खिलाड़ियों का व्यक्तिगत प्रदर्शन भी शानदार रहा। गुकेश ने शीर्ष बोर्ड और अर्जुन ने तीसरे बोर्ड पर स्वर्ण जीता। महिलाओं में दिव्या देशमुख ने तीसरे और वंतिका अग्रवाल ने चौथे बोर्ड पर स्वर्ण पदक जीता। इससे पहले 2014 और 2022 में पुरुषों ने कांस्य और महिलाओं ने 2022 में कांस्य पदक जीता था।