गोल्ड कोस्ट। राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय खिलाडिय़ों को काफी अच्छा ड्रॉ मिला जिसमें दिग्गज मुक्केबाज एम सी मैरीकॉम को पदक जीतने के लिए महज एक मुकाबला जीतने की जरूरत पड़ेगी जबकि विकास कृष्णन को पुरूषों के प्री- क्वार्टरफाइनल्स में बाई मिली है। राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय दल को राहत देते हुए सीरिंज विवाद में मुक्केबाजी टीम के डॉक्टर अमोल पाटिल को फटकार लगाकर छोड़ दिया, क्योंकि उन्हें थके हुए मुक्केबाजों को विटामिन इंजेक्शन देने के बाद सुइयां नष्ट नहीं करने का दोषी पाया गया। मैरीकॉम आठ अप्रैल को 48 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में स्कॉटलैंड की मेगन गोर्डन से भिड़ेंगी। पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में खेल रहीं मणिपुर की 35 वर्षीय खिलाड़ी एक ऐसे ड्रॉ में स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार हैं, जिसमें केवल आठ मुक्केबाज शामिल हैं।
दूसरी तरफ विकास (75 किग्रा) अंतिम 16 में जगह बना ली है, क्योंकि उन्हें और नवोदित खिलाड़ी मनीष कौशिक (60 किग्रा) को बाई मिली है। पूर्व में एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीत चुके सतीश कुमार (91 किग्रा से अधिक) को भी ड्रॉ छोटा होने के कारण बाई मिली और वे क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए। ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली पिंकी जांगड़ा (51 किग्रा) भी क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई हैं और 11 अप्रैल को इंग्लैंड की लीसा व्हाइटसाइड से मुकाबला करेंगी। इंडियन ओपन की स्वर्ण पदक विजेता लवलीना बोर्गोहैन पहले दौर में बाई के जरिए क्वार्टरफाइनल में पहुंचने वाली (69 किग्रा) अकेली भारतीय महिला मुक्केबाज हैं। वह क्वार्टरफाइनल में इंग्लैंड की सैंडी रायन से भिड़ेंगी। पुरूष टीम के सबसे युवा सदस्य नमन तंवर (91 किग्रा) छह अप्रैल को अपने पहले मुकाबले में तंजानिया के हारूना से भिड़ेंगे। 2010 के दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले मनोज कुमार (69 किग्रा) पांच अप्रैल को भारत के मुक्केबाजी अभियान का शुरुआत करते हुए अपने पहले मुकाबले में नाइजीरिया के ओसिता उमेह के खिलाफ उतरेंगे। मुहम्मद हुस्सामुद्दीन (56 किग्रा) सात अप्रैल को वनुआतू के बो वारावारा से भिड़ेंगे जबकि गौरव सोलंकी नौ अप्रैल को घाना के अन्नंग अम्पियास से लोहा लेंगे। पूर्व विश्व एवं एशियाई विजेता एल सरिता देवी(60 किग्रा) किम्बरले गिटेंस से जबकि इंडियन ओपन के स्वर्ण पदक विजेता अमित पंघाल (49 किग्रा) घाना के टेट सुलेमानू से भिड़ेंगे।