नई दिल्ली: क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान में महिला क्रिकेटरों के अधिकार के संबंध में तालिबान सरकार के रुख की वजह से इस देश के साथ द्विपक्षीय सीरीज में खेलने से मना कर दिया। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ निक हॉकले ने साफ कर दिया कि आगे भी ऑस्ट्रेलिया का इस मामले पर ऐसा ही रुख रहेगा। ईएसपीएन क्रिकइंफो के मुताबिक निक हॉकले ने कहा कि हम अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के साथ अपने संबंधों को धनिष्ठ बनाए रखना चाहते हैं साथ ही साथ नियमित संवाद भी बनाए रखना चाहते हैं साथ ही साथ हम ये भी चाहते हैं कि महिला और पुरुष क्रिकेट पूरी दुनिया में फले-फूले। उन्होंने आगे कहा कि हमें प्रगति की उम्मीद है और हम अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के साथ बातचीत और संपर्क बनाए रखना जारी रखेंगे और किसी एक प्वाइंट पर हमारा लक्ष्य भविष्य में अफगानिस्तान के खिलाफ द्विपक्षीय क्रिकेट को शुरू करने का है।
साल 2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान का शासन हो गया था और उसके बाद से ऑस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान की पुरुष टीम के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज में खेलने से इनकार कर दिया। ऑस्ट्रेलिया का ये विरोध इस वजह से है क्योंकि तालिबान के शासन के बाद अफगानिस्तान में महिलाओं को शिक्षा के साथ-साथ खेलने के अधिकार से भी वंचित होना पड़ा है। ऑस्ट्रेलिया आईसीसी इवेंट में इस टीम के खिलाफ खेलना जारी रखेगा। हाल ही में टी20 वर्ल्ड कप 2024 में अफगानिस्तान ने कंगारू टीम को सुपर 8 राउंड में 21 रन से हरा दिया था और सेमीफाइनल में क्लालिफाई किया था।
निक हॉकले ने अफगानिस्तान टीम की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने इस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया और बहुत ही जोश और उत्साह के साथ खेला। उन्होंंने आगे बताया कि हमने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से अफगानिस्तान के साथ द्विपक्षीय सीरीज को लेकर बात की, लेकिन मानवाधिकारों के आधार पर हमने अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के साथ अपनी पिछली कुछ सीरीज को स्थगित करने का फैसला किया।
इस मामले पर अफगानिस्तान के कप्तान राशिद खान का कहना है कि कुछ ऐसा जो हमारे नियंत्रण में नहीं है, हम इसके बारे में कुछ नहीं कर सकते। हम चाहते हैं कि हम कुछ कर सकें। अगर इसका कोई समाधान होता तो हम खुश होते, लेकिन मुझे नहीं पता कि इसका समाधान क्या है। मैं राजनीतिक चीजों के बारे में ज्यादा नहीं जानता और मुझे यह पसंद भी नहीं है। अगर हम विश्व कप में खेलते हैं तो द्विपक्षीय सीरीज में क्यों नहीं खेलते।