नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय के जस्टिस सचिन दत्ता की पीठ ने ए एंड सी अधिनियम की धारा 9 के तहत दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए लीजेंड्स लीग क्रिकेट की शीर्ष परिषद और इवेंट तकनीकी समिति (ईटीसी) फैसले पर रोक लगा दी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाई कोर्ट से स्टे मिलने पर याचिकाकर्ता कोणार्क सूर्या ओडिशा को अंतरिम राहत मिली है। लीजेड्स लीग क्रिकेट की शीर्ष परिषद और ईटीसी ने कोणार्क सूर्या ओडिशा और मणिपाल टाइगर्स के बीच मैच का नतीजा घोषित होने के बाद उसको बदलने की मंजूरी दी थी।
याचिकाकर्ता कोणार्क सूर्या ओडिशा एक फ्रेंचाइजी है और लीजेंड्स लीग क्रिकेट का हिस्सा है। लीजेंड्स लीग क्रिकेट (Legends League Cricket) में 20 सितंबर 2024 को इरफान पठान (Irfan Pathan) की अगुआई वाली कोणार्क सूर्या ओडिशा (Konark Suryas Odisha) और प्रतिवादी नंबर 2 (हरभजन सिंह की अगुआई वाली मणिपाल टाइगर्स) के बीच मैच खेला गया। कोणार्क सूर्या ओडिशा को विजेता घोषित किया गया। आधिकारिक स्कोरकार्ड में मणिपाल टाइगर्स (102/8) के मुकाबले उसका स्कोर 104/9 दर्शाया गया।
मैच अधिकारियों ने मैच के नतीजे की पुष्टि की। मणिपाल टाइगर्स (Manipal Tigers) ने 21 सितंबर 2024 को लीजेंड्स क्रिकेट लीग के अधिकारी पत्र लिखा, जिसमें 20 सितंबर 2024 को हुए मैच में स्कोरिंग त्रुटि का आरोप लगाया गया। पत्र में बताया गया कि मणिपाल टाइगर्स का स्कोर 104/8 के बजाय गलत तरीके से 102/8 दर्ज किया गया था।
कथित तौर पर यह मैच के 11वें ओवर के दौरान हुआ, जिसमें कथित तौर पर आठ रन बनाए गए थे। हालांकि, आधिकारिक स्कोरकार्ड उस ओवर के दो रन दर्ज करने में विफल रहा। इस मामले में कोणार्क सूर्या ओडिशा का कहना था कि मैच का नतीजा पहले ही घोषित किया जा चुका था। सही स्थिति का पता लगाने और निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए मामला ईटीसी को सौंपा गया। ईटीसी ने मामले को अपवाद के रूप में लिया। ईटीसी ने फैसला किया कि नतीजा वही रहेगा, लेकिन दोनों टीमों को एक-एक अंक (जो मैच टाई होने पर मिलते हैं) मिलेगा।
इसके बाद याचिकाकर्ता ने ‘लीजेंड्स लीग क्रिकेट’ की शीर्ष परिषद से संपर्क किया, जिसमें चार सदस्य शामिल थे, जिनमें से दो ईटीसी का हिस्सा थे। शीर्ष परिषद ने 05 अक्टूबर 2024 को अपने फैसले में ईटीसी के निर्णय को बरकरार रखा और अपने फैसले को ‘खेल की निष्पक्ष भावना’ के अनुसार बताया। ईटीसी के फैसले के बाद याचिकाकर्ता और मणिपाल टाइगर्स के बीच अंक साझा किये गए। इससे पहले कोणार्क सूर्या ओडिशा को मैच विजेता के रूप में दो अंक दिये गए थे। ईटीसी और शीर्ष परिषद के फैसले से व्यथित होकर कोणार्क सूर्या ओडिशा ने ए एंड सी अधिनियम की धारा 9 के तहत दिल्ली उच्च न्यायालय से तत्काल राहत की मांग की।
कोणार्क सूर्या ओडिशा की दलील
दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कोणार्क सूर्या ओडिशा ने दलील दी कि मैच का नतीजा बदलने के लिए ‘खेल के प्रति निष्पक्ष प्रतिबद्धता’ का हवाला देकर प्रासंगिक नियमों की अवहेलना को उचित नहीं ठहराया जा सकता। शीर्ष परिषद में कम से कम 5 सदस्य होने चाहिए, केवल 4 ही सदस्य थे। कोणार्क सूर्या ओडिशा को अपना मामला निष्पक्ष रूप से प्रस्तुत करने की अनुमति भी नहीं दी गई।
दिल्ली हाई कोर्ट का विश्लेषण
पीठ ने पाया कि ‘लीजेंड्स लीग क्रिकेट’ खेल की शर्तों के नियम 16.9 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मैच के बाद घोषित किए जाने वाले नतीजे को बदला नहीं जा सकता। एक लाइव मैच अत्यधिक गतिशील होता है, जिसमें परिस्थितियां पल-पल तेजी से बदलती रहती हैं। यह टीम के लिए एक चुनौती पेश करता है, चाहे वह लक्ष्य का बचाव कर रही हो या उसका पीछा कर रही हो।
ऐसी योजनाएं बनाई जानी चाहिएं जो आधिकारिक स्कोरबोर्ड में दर्शाई गई स्थितियों के अनुकूल हों। टीमों और खिलाड़ियों को स्कोरबोर्ड में दर्शाए गए स्कोर के आधार पर वास्तविक समय में अपने खेल को अनुकूलित करना चाहिए। स्कोरिंग त्रुटि को सुधारने की आड़ में मैच के नतीजे को पूर्वव्यापी रूप से बदलने का कार्य, खेल की प्रकृति के साथ पूरी तरह से असंगत है।
ईटीसी और शीर्ष परिषद के फैसले में यह स्वीकार किया गया है कि मैच के नतीजे में बदलाव नियमों के अनुरूप नहीं है। ‘खेल की भावना’ को बनाए रखने के लिए ईटीसी और शीर्ष परिषद ने नियमों से अलग हटकर काम किया, लेकिन ऐसे फैसले वास्तव में ‘खेल की भावना’ को ही कमजोर करते हैं।
15 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
दिल्ली हाई कोर्ट की पीठ ने शीर्ष परिषद के 5 अक्टूबर 2024 और ईटीसी के 23 सितंबर 2024 को दिये गए फैसले पर रोक लगा दी। पीठ ने यह भी आदेश दिया कि अंकों की गणना उचित रूप से की जाए तथा मैचों का आयोजन उक्त टैली के आधार पर किया जाए। मामला अब 15 अक्टूबर 2024 को सूचीबद्ध है।