नई दिल्ली: भारत में कई सालों तक शतरंज का केवल का एक ही चेहरा था, नाम था विश्वनाथन आनंद। कई सालों तक आनंद ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल्स जीतकर देश का गौरव बढ़ाया। कई सालों तक आनंद के अलावा कोई और यह कामयाबी हासिल नहीं कर सका। हालांकि 2024 में यह स्थिति अलग है। भारत में एक नहीं कई ऐसे नाम हैं जिन्हें आनंद का उत्तराधिकारी माना जा रहा है। इसमें प्रमुख नाम है डी गुकेश। 18 साल का यह खिलाड़ी कई ऐसे कारनामे कर चुका है जो भारत के लिए अब तक केवल आनंद ने ही किए हैं।
17 साल की उम्र में कैंडिडेट्स चैंपियन बने गुकेश
डी गुकेश ने इस साल 17 साल की उम्र में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीता। इस टूर्नामेंट को जीतने वाले वह सबसे युवा खिलाड़ी थे। वहीं आनंद के बाद यह कारनामा करने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने थे। इतनी कम उम्र में गुकेश की यह सफलता आपको हैरान कर सकती है लेकिन इस सफलता के लिए बहुत कुछ त्याग किया है।
गुकेश लगातार नहीं गए स्कूल
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने आम बच्चों की तरह बचपन नहीं जिया। वह चौथी के बाद लगातार स्कूल नहीं गए। हालांकि उन्हें इस बात का अफसोस नहीं है। गुकेश का यह भी कहना है कि वह पढ़ाई में बहुत अच्छे थे और जब तक लगातार स्कूल गए वह टॉपर थे। इसके बाद उन्होंने एक ही चीज पर फोकस करने का फैसला किया और शतरंज को चुना।
गुकेश को गिफ्ट में मिली लग्जरी कार
गुकेश ने भले ही लगातार स्कूल जाना छोड़ दिया हो लेकिन उनका स्कूल उनकी हर कामयाबी का जश्न मनाता है। गुकेश जब कैंडिडेट्स जीतकर देश लौटे तो वेलामल विघालय अयनामबक्कम ने एक बड़ा कार्यक्रम रखा। इस कार्यक्रम में गुकेश को गिफ्ट के तौर पर 90 लाख रुपए की मर्सिडीज बेंज दी थी। सिर्फ गुकेश नहीं बल्कि वर्ल्ड कप के रनरअप आर प्रज्ञानंद भी इसी स्कूल के छात्र रहे हैं। वहीं विश्वनाथन आनंद भी इसी स्कूल के छात्र हैं।