नई दिल्ली। दुनिया की 12वें नंबर की टीम डेनमार्क आखिरकार 16 वर्षों के बाद फीफा विश्व कप के नॉकआउट स्टेज में जगह बनाने में सफल रही। डेनमार्क ने दुनिया की सातवें नंबर की टीम फ्रांस से गोलरहित ड्रॉ खेलकर अगले दौर के लिए अपने प्रशंसकों को जश्न मनाने का मौका दिया। भले ही इस मैच में कोई स्कोर नहीं हुआ लेकिन दोनों टीमें अपनी रणनीति के मुताबिक खेली। डेनमार्क आखिरी बार 2002 में नॉकआउट में खेला था। फ्रांस इस ग्रुप से पहले ही अंतिम-16 में पहुंच चुकी है।
डेनमार्क को अंतिम-16 में पहुंचने के लिए ड्रॉ की जरूरत थी और इसी कारण उन्होंने इस मैच में अपने डिफेंस को मजबूत किया और उनके खिलाड़ी एक टीम के रूप में मैच में खेले। उन्होंने फ्रांसीसी स्ट्राइकरों को चढऩे का मौका नहीं दिया जैसे वह गेंद लेकर आते तो डेनमार्क के डिफेंडर उनसे गेंद छीन लेते। टीम को नॉकआउट के लिए एक अंक चाहिए था इसलिए वह बिना कोई खतरा लिए मैच को ड्रॉ कराने के इरादे से खेली। पहले ही नॉकआउट में पहुंच चुकी फ्रांसीसी टीम ने इस मैच में अंतिम एकादश में छह बदलाव किए ताकि वे अगले मुकाबलों से पहले आराम कर सकें और बेंच पर बैठे अन्य खिलाडिय़ों को मौका मिले। फ्रांसीसी टीम ने अपने स्टार खिलाड़ी कलाइन एमबापे, पॉल पोग्बा और सैमुअल उमिति को स्थानापन्न खिलाडिय़ों में शामिल किया। फ्रांस ने अपने शुरुआती मुकाबलों में पहले ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से जबकि पेरू को 1-0 से हराया था। डेनमार्क ने भी पहला मैच पेरू से 1-0 से अपने नाम किया फिर ऑस्ट्रेलिया के साथ मुकाबला 1-1 से ड्रॉ खेला।
पहले हाफ में डेनमार्क के डिफेंडरों ने फ्रांसीसी स्ट्राइकरों को अपने ऊपर ज्यादा हावी नहीं होने दिया और जो मौके फ्रांस को मिले, उसमें गोल नहीं होने दिया। फ्रांस को इस हाफ में तीन मौके मिले, लेकिन तीनों ही उन्होंने गंवा दिए। 15वें मिनट में ओलिवर गिरौड ने बॉक्स के अंदर से शॉट मारा लेकिन गोलकीपर ने इसका अच्छा बचाव किया। ओलिवर को फिर पहले हाफ के अंतिम समय 44वें मिनट में गिरौड द्वारा बॉक्स के अंदर से मारा गया शॉट बार के ऊपर से चला गया। पहला हाफ गोलरहित रहा। गोल का सूखा देखते हुए फ्रांसीसी कोच दिदिएर डेशचैंप्स ने 68वें मिनट में पहले एंटोनी ग्रीजमैन के स्थान पर नाबिल फेकिर को भेजा। एक मिनट बाद ही फेकिर ने एक अच्छा शॉट लगाया, लेकिन उनका शॉट गोल पोस्ट के दायीं ओर लगा जिससे फ्रांस खाता खोलने से रह गया। 78वें मिनट में डेंबेल की जगह एमबापे को मैदान पर भेजा लेकिन वह भी गोल नहीं कर पाए।