भुवनेश्वर: भारतीय महिला टीम को मंगलवार को एफआईएच प्रो लीग हॉकी प्रतियोगिता के रोमांचक मैच में स्पेन के हाथों 3-4 से हार का सामना करना पड़ा। वहीं, भारतीय पुरुष हॉकी टीम को खेल के हर क्षेत्र में कमजोर प्रदर्शन के कारण मंगलवार को इसी प्रतियोगिता में मौजूदा विश्व चैंपियन जर्मनी के हाथों 1-4 से करारी हार का सामना करना पड़ा।
भारतीय महिला टीम पहले क्वार्टर में कोई भी टीम गोल नहीं कर पाई। भारत ने दूसरे क्वार्टर में बलजीत कौर (19वें मिनट) के गोल की मदद से बढ़त बना ली थी लेकिन स्पेन ने दो मिनट बाद ही सोफिया रोगोस्की (21वें मिनट) के गोल की मदद से बराबरी कर ली। बलजीत का यह सीनियर स्तर पर पहला गोल था।
स्पेन ने भारतीय टीम पर दबाव बनाए रखा तथा दूसरे क्वार्टर में ही एस्टेल पेटचामे (25वें मिनट) के गोल से बढ़त बना ली। भारतीय टीम ने तीसरे क्वार्टर में दबदबा बनाया। साक्षी राणा ने 38वें मिनट में बराबरी का गोल दागा जबकि रुताजा दादासो पिसल (45वें मिनट) के गोल की बदौलत उसने बढ़त हासिल कर ली।
स्पेन ने हालांकि चौथे और अंतिम क्वार्टर में शानदार वापसी की तथा एस्टेल (49वें मिनट) और लूसिया जिमेनेज (52वें मिनट) के गोल की मदद से अपनी जीत सुनिश्चित की। स्पेन ने यह दोनों गोल पेनल्टी कार्नर पर किए। भारतीय महिला टीम अपने पिछले मैच में इंग्लैंड से हार गई थी।
वहीं, बात करें पुरुष हॉकी टीम की तो भारत की रक्षा पंक्ति का प्रदर्शन अच्छा नहीं था, जबकि अंतिम तीन क्वार्टर में उसकी अग्रिम पंक्ति भी अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाई। फ्लोरियन स्पर्लिंग ने सातवें मिनट में गोल करके जर्मनी को बढ़त दिला दी लेकिन गुरजंत सिंह (13वें मिनट) ने छह मिनट के भीतर भारत को बराबरी पर ला दिया।
पहला क्वार्टर रोमांचक साबित हुआ, जिसमें कुल तीन गोल हुए। जर्मनी की तरफ से दूसरा गोल थिस प्रिंज़ ने 14वें मिनट में किया। इस तरह से जर्मनी पहले क्वार्टर में आगे रहा। दूसरे और तीसरे क्वार्टर में कोई भी टीम गोल नहीं कर पाई लेकिन चौथे क्वार्टर में जर्मनी ने भारतीय रक्षा पंक्ति की गलतियों का फायदा उठाकर दो गोल दागे और इस तरह से बड़े अंतर से जीत दर्ज की।
जर्मनी की तरफ से चौथे क्वार्टर में मिशेल स्ट्रूथॉफ (48वें) और राफेल हार्टकोफ (55वें) ने गोल किए। इस मैच में सीनियर डिफेंडर अमित रोहिदास ने भारतीय टीम का नेतृत्व किया क्योंकि नियमित कप्तान हरमनप्रीत सिंह शुरुआती एकादश का हिस्सा नहीं थे। यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि चैंपियन ड्रैग फ़्लिकर मैच के शुरू में क्यों नहीं खेला। हरमनप्रीत को हालांकि भारत के दूसरे मैच में विश्राम दिया गया था।
अपने आखिरी मुकाबले में स्पेन पर 2-0 से जीत के बाद इस मैच में उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही क्योंकि स्पर्लिंग ने गोलकीपर कृष्ण बहादुर पाठक के खतरे को विफल करने में असमर्थ होने के कारण पहला गोल किया। भारत ने तुरंत ही जवाबी हमला किया और अनुभवी फारवर्ड गुरजंत ने गेंद को प्रतिद्वंद्वी के गोलपोस्ट में डालकर हिसाब बराबर कर दिया।
जर्मनी ने हालांकि पलक झपकते ही फिर से बढ़त हासिल कर ली। इस बार प्रिंज़ ने पाठक को छकाया। पहले क्वार्टर की समाप्ति पर जर्मनी 2-1 से आगे था। भारत के पास 20वें मिनट में बराबरी करने का शानदार मौका था लेकिन राजिंदर के पास पर गुरजंत निशाना चूक गए। इसके चार मिनट बाद अर्शदीप सिंह भी गोल करने का मौका चूक गए, जबकि स्थानापन्न गोलकीपर सूरज करकेरा ने स्पर्लिंग को गोल करने से रोका।
मध्यांतर के बाद भारत को सर्कल के अंदर अपने प्रदर्शन में सुधार करने की जरूरत थी, लेकिन जर्मन टीम ने अपनी बढ़त बरकरार रखी। भारत ने गोल करने के प्रयास किए लेकिन जर्मनी की मजबूत रक्षा पंक्ति के सामने उसकी एक नहीं चली। इसके बजाय जर्मनी ने चौथे और अंतिम क्वार्टर में सात मिनट के भीतर दो बार गोल करके मैच अपने पक्ष में कर लिया। भारत की तीन मैचों में यह दूसरी हार है।