नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ट्रैविस हेड इस समय टेस्ट क्रिकेट के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में शामिल हैं। हेड ऑस्ट्रेलिया की सफलता के हीरो और उनके सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज बन गए हैं। दो साल पहले तक हेड को टीम में जगह बनाने के लिए अपना स्वाभाविक खेल छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा था लेकिन आज उनका वही स्वाभविक खेल उनकी सफलता का सबसे कारण है।
लैंगर और हेड की सोच में था फर्क
साल 2022 में एंड्रूय मैकडोनाल्ड ऑस्ट्रेलिया के कोच बने। इससे पहले यह जिम्मेदारी पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज जस्टिन लैंगर के हाथों में थी। लैंगर के कोच रहते हुए हेड को टीम में बहुत ज्यादा मौके नहीं मिले। लैंगर और हेड की सोच में बहुत फर्क था। दोनों कभी एक चीज पर सहमत नहीं हुए। यह खुलासा टीम के पूर्व कप्तान टिम पेन ने किया है।
पेन ने किया खुलासा
पेन ने SEN ब्रेकफास्ट से कहा, ‘मुझे नहीं लगता उनमें से किसी को भी मेरे यह कहने से दिक्कत होगी, पर मुझे लगता है कि हेड और लैंगर के बीच सोच का बड़ा अंतर था। आपके पास कमेंट्री में टेस्ट के शानदार लोग हैं, लैंगर टेस्ट की कोचिंग के बेस्ट लोगों में थे और ग्रैम हिक भी जो कि उस समय टीम के बल्लेबाजी कोच थे और 101 फर्स्ट क्लास शतक लगा चुके हैं।’ पेन ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, ‘वह दोनों चाहते थे कि हेड अपने डिफेंस पर काम करें। हालांकि हेड ऐसा नहीं चाहते थे इसके बावजूद वह कोशिश कर रहे थे। क्योंकि वह युवा थे और टीम में जगह चाहते थे। इसका असर उसके खेल पर हुआ क्योंकि वह अपना स्वाभविक खेल नहीं खेल पा रहा था।’
ट्रैविस हेड को स्वाभाविक खेल का मिला फायदा
पेन के मुताबिक हेड को अब अपने हिसाब से खेलने का मौका मिल रहा है। उन्होंने “वह कभी-कभी फेल होगा, कभी-कभी खराब फॉर्म भी होगा लेकिन वह और अग्रेसिव होने वाला है। वह अपने शॉट्स खेलेगा और मैच विनर बनेगा।”