ऑस्ट्रेलिया जब इस बार भारत दौरे पर आने वाली थी, तो कई दिग्गजों ने अनुमान लगाया था कि इस बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में कंगारु टीम बाज़ी मार सकती है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा था क्योंकि ऑस्ट्रेलिया की टीम टेस्ट रैंकिंग में तो नंबर-1 थी ही, साथ ही WTC पॉइंट्स टेबल में भी वह टॉप पर थी. यही नहीं, ऑस्ट्रेलिया की टीम पैट कमिंस की कप्तानी में लगातार सीरीज भी जीत रही थी.
पैट कमिंस ने जब से ऑस्ट्रेलिया की कमान अपने हाथ में ली, तब से ऑस्ट्रेलिया ने बैक टू बैक कई अहम सीरीज जीतीं. ऑस्ट्रेलिया ने एशेज में इंग्लैंड को एकतरफा शिकस्त दी. पाकिस्तान को उसी की सरज़मीं पर टेस्ट सीरीज हराई. हाल ही में दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टेस्ट टीम को भी वह पटखनी देकर भारत दौरे पर आई थी. फिर ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत में टेस्ट सीरीज जीतने के लिए तैयारी में भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी.
कंगारु टीम ने नॉर्थ सिडनी में भारतीय उपमहाद्वीप जैसी विकेट तैयार कर अभ्यास किया था. बेंगलुरु में भी टीम ने भारतीय स्पिन गेंदबाजी का सामना करने की तैयारी के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए थे लेकिन इन सब के बावजूद दुनिया की यह नंबर-1 टेस्ट टीम भारत में फुस्स हो गई. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2023 के शुरुआती दोनों टेस्ट गंवा चुकी इस टीम के हारने के तीन अहम कारण रहे.
पहला कारण: भारत का स्पिन अटैक
ऑस्ट्रेलिया की टीम भारतीय स्पिन अटैक का सामना नहीं कर सकी. दो टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया के 40 में से 32 विकेट भारतीय स्पिनर्स ने चटकाए. ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज आर अश्विन और जडेजा का तोड़ नहीं खोज पाए. वह इन स्पिनर्स के सामने कभी डिफेंड करने में तो कभी अटैक करने में विकेट गंवाते रहे. सही मायने में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज यह समझ ही नहीं पाए कि भारत की इस स्पिन जोड़ी का सामना भला कैसे किया जाए.
दूसरा कारण: भारतीय पिचें
भारत में हमेशा की तरह ही ऑस्ट्रेलिया को स्पिन ट्रैक मिला. नागपुर और दिल्ली की पिचों पर पहले ही दिन से स्पिनर्स को मदद मिलती रही. ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज वैसे भी स्पिन को ज्यादा अच्छे से नहीं खेल पाते हैं, ऐसे में भारतीय पिचें उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती रही. हालत यह रही कि इन पिचों पर दोनों टेस्ट मैचों में मुकाबला चौथे दिन भी नहीं पहुंच पाया.
तीसरा कारण: अश्विन-जडेजा और अक्षर का ऑलराउंड परफॉर्मेंस
नागपुर और दिल्ली में मिली टेस्ट जीत का सार देखें तो अश्विन-जडेजा और अक्षर पटेल की तिकड़ी जीत का बड़ा कारण नजर आती है. इक तिकड़ी ने गेंदबाजी में तो कहर बरपाया ही, साथ ही बल्लेबाजी में भी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबजों के पसीने छुड़ा दिए. पहले टेस्ट में जहां रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल ने दमदार अर्धशतक जड़ते हुए भारतीय टीम को विशाल लीड दिलाई थी तो दूसरे टेस्ट में अक्षर ने अश्विन के साथ मिलकर शतकीय साझेदारी कर टीम इंडिया को मुश्किल परिस्थिति से बाहर निकाला था. इन तीनों ऑलराउंडर्स के कारण भारतीय टीम को 9वें क्रम तक बल्लेबाजी में गहराई मिली और ऑस्ट्रेलिया के पास इन तीन ऑलराउंडर्स को जल्द पवेलियन भेजने की कोई योजना नहीं थी.