नई दिल्ली: भारतीय टीम ने बांग्लादेश के खिलाफ 2 मैचों की टेस्ट सीरीज के साथ-साथ अगले सेशन की तैयारी चेन्नई में शुरू कर दी है। चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में भारत-बांग्लादेश के बीच पहला टेस्ट 19 सितंबर से खेला जाएगा। ब्रेक से लौटने के बाद भारतीय टीम का शेड्यूल काफी व्यस्त रहने वाला है। अगले 4 महीने में उसे 10 टेस्ट खेलना है। 5 टेस्ट घर में बांग्लादेश के खिलाफ 2 और न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 खेलने हैं। 5 टेस्ट उसे ऑस्ट्रेलिया में खेलना है।
द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार भारतीय टीम ने शुक्रवार (14 सितंबर) को बांग्लादेश के खिलाफ पहली बार नेट प्रैक्टिस की। ट्रेनिंग सेशन सुबह 9.30 बजे शुरू हुआ और शाम 3 बजे तक चला। पूरी टीम मैदान पर मौजूद रही। हाल के समय में भारतीय बल्लेबाजों के लिए स्पिन गेंदबाजी चिंता का विषय रही है। चेन्नई में पहले दिन बल्लेबाजों ने स्पिनर्स के खिलाफ नेट्स में खूब पसीना बहाया। हालांकि, बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट में तेज गेंदबाजों के मुफीद परिस्थितियां हो सकती हैं। लाल मिट्टी वाली पिच का इस्तेमाल हो सकता है।
भारतीय बल्लेबाजों की विशेष तैयारी
भारत ने अपने नेट गेंदबाजों को बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के अटैक को देखते हुए चुना है। बांग्लादेश के दो बाएं हाथ के स्पिनर शाकिब अल हसन, ताइजुल इस्लाम और न्यूजीलैंड के पास एजाज पटेल, मिशेल सेंटनर और रचिन रविंद्र हैं, जो सभी ट्रैजेक्टरी और रिलीज पॉइंट के मामले में अलग-अलग चुनौतियां पेश करते हैं। रविंद्र जडेजा और अक्षर पटेल के अलावा तमिलनाडु के एस अजित राम, एम सिद्धार्थ और पी विग्नेश (सभी स्लो लेफ्ट ऑर्थोडॉक्स) उपलब्ध हैं। ऑफ स्पिनर्स ने काफी परेशानी पेश की है। ऐसे में आर अश्विन के अलावा बल्लेबाजों ने तमिलनाडु के लक्ष्य जैन और मुंबई के अश्विन-क्लोन हिमांशु सिंह का सामना किया।
स्वीप और रिवर्स-स्वीप की प्रैक्टिस
स्पिनर्स के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों की योजना ज्यादातर पैरों का इस्तेमाल करने और स्वीप और रिवर्स-स्वीप करने पर केंद्रित थी। बल्लेबाजों ने बार-बार ऑफ-स्टंप के बाहर रफ पर गिरने वाली गेंदों पर पारंपरिक और पैडल स्वीप का इस्तेमाल किया। गेंद स्टंप की लाइन में आने पर रिवर्स-स्वीप किया। सुबह का सत्र दोपहर 12 बजे तक चला। रोहित शर्मा, यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल और विराट कोहली के अलावा रविंद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज ने प्रैक्टिस की।
लंबा समय बिताया
द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार 40 मिनट के ब्रेक के बाद शुरू हुए दोपहर के सत्र में केएल राहुल, ऋषभ पंत, ध्रुव जुरेल, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, आकाशदीप और यश दयाल ने कड़ी मेहनत की। सुबह के सत्र की तरह, प्रत्येक बल्लेबाज और गेंदबाज ने लंबे प्रारूप के अनुकूल होने के लिए बीच में लंबे सत्र बिताए। साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने के बाद से भारत ने मुख्य रूप से केवल टी-20 मैच ही खेले हैं।
लाल मिट्टी से बनी पिच का हो सकता है इस्तेमाल
बांग्लादेश को अपने घरेलू मैदान पर काली मिट्टी वाली पिचों पर खेलने की आदत है, जो आमतौर पर धीमी होती हैं, इसलिए भारत पहला टेस्ट ऐसी पिच पर खेलेगा जो लाल मिट्टी से बनी होगी। हालांकि, टेस्ट के लिए अभी पांच दिन बाकी हैं,लेकिन पिच पर अच्छी घास थी, जिसे मैदानकर्मियों ने सुबह 11.30 बजे ही ढक दिया था, ताकि वह टूट न जाए।
तेज गेंदबाजों को मददगार पिच का विकल्प चुना था
2019 में इंदौर और कोलकाता में सीमर-फ्रेंडली कंडीशन में भारत के स्पिनर्स ने बांग्लादेश के 40 विकेटों में से केवल पांच विकेट लिए थे। अगर मेजबान टीम इस बार भी इसी तरह की रणनीति अपनाती है तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। उस समय ऑस्ट्रेलिया के दौरे के करीब होने के कारण भारत ने तेज गेंदबाजों को मददगार पिच का विकल्प चुना था।