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Saturday, November 23, 2024

भारत कर सकता है 2032 ओलंपिक की मेजबानीः मेहता

नई दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) 2032 ओलंपिक की मेजबानी को लेकर बेहद गंभीर है। उसने इस खेल महाकुंभ के आयोजन के लिए दावेदारी पेश करने की आधिकारिक तौर पर दिलचस्पी दिखाई है। आईओए सरकार से संपर्क कर इसके लिए समर्थन भी मांगेगा। इससे पहले भारत दौरे पर आए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओए) के प्रमुख थामस बाक को आईओए के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा था कि भारत 2032 ओलंपिक की दावेदारी करने के बारे में विचार कर रहा है। बाक ने भारत की पहल का स्वागत किया था। आईओए पहले ही 2032 ओलंपिक की मेजबानी की बोली लगाने के लिए अपनी इच्छा से संबंधित पत्र आईओसी को सौंप चुका है। इसके बाद आईओए के महासचिव राजीव मेहता ने जैक्लीन बार्रेट की अध्यक्षता वाली आईओए की तीन सदस्यीय आॅक्शन कमिटी से इस महीने की शुरूआत में मुलाकात की थी। जैक्लीन ओलंपिक खेलों की एसोसिएट डायरेक्टर (ओलंपिक दावेदारी) हैं।

आईओए 2032 ओलंपिक के​ लिए है गंभीर
मेहता ने कहा, ‘हम 2032 ओलंपिक की दावेदारी को लेकर बेहद गंभीर है। इसलिए हम पहले ही 2032 ओलंपिक की मेजबानी की बोली में अपनी दिलचस्पी से संबंधित पत्र आईओसी को सौंप चुके हैं। आईओसी की आॅक्शन कमिटी के सदस्यों से मेरी मुलाकात हुई। उन्होंने हमारे फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि भारत को काफी पहले ही ओलंपिक की मेजबानी करनी चाहिए थी। आईओए के शीर्ष अधिकारियों के दिमाग में मेजबानी के लिये दिल्ली और मुंबई का नाम है पर दूसरे शहरों को नकारा नहीं जा सकता। यह पहली बार है जब आईओए ने आधिकारिक रूप से ओलंपिक मेजबानी की दावेदारी की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा, ‘यह सिर्फ पहला चरण है, जब कोई देश ओलंपिक के आयोजन के लिए इच्छा व्यक्त करता है और बाद के चरणों में मेजबान शहर या शहरों के नाम की घोषणा आॅक्शन में होता है। इससे पहले भारत ने कभी ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए इच्छा नहीं जताई थी।

साल 2022 में शुरू होगी आॅक्शन प्रक्रिया

ओलंपिक 2032 के लिए आॅक्शन प्रक्रिया की शुरूआत 2022 में होगी और मेजबान शहर के नाम की घोषणा 2025 में की जाएगी। इस साल एशियाई खेलों की सफल मेजबानी करने वाले इंडोनेशिया ने भी 2032 ओलंपिक के ​आयोजन की इच्छा जताई है। इसकी दौड़ में चीन का शंघाई शहर और आॅस्ट्रेलिया का ब्रिसबेन शहर भी शामिल हो सकते हैं। उत्तर और दक्षिण कोरिया भी संयुक्त रूप से इसकी मेजबानी की इच्छा व्यक्त कर सकते हैं जबकि जर्मनी 2032 ओलंपिक को अपने देश के 13 शहरों में कराना चाहता है। आईओए आॅक्शन प्रक्रिया में शामिल होने की योजना बना रहा है और 22 दिसंबर को होने वाले आगामी आम सभा में इस मुद्दे पर सरकार से समर्थन मंगाने का प्रस्ताव पारित होने की उम्मीद है। मेहता ने कहा, ‘आम बैठक में प्रस्ताव पारित होने के बाद हम आॅक्शन के लिए सरकार से संपर्क करेंगे। आॅक्शन की प्रक्रिया 2022 में शुरू होगी लेकिन उससे पहले हमें केन्द्र सरकार से समर्थन लेना होगा।’

केंद्र सरकार को ही लेना है अंतिम फैसला
उन्होंने कहा, ‘हमें केन्द्र सरकार, मेजबानी के लिए चयनित राज्य सरकार और नेता प्रतिपक्ष का भी समर्थन पत्र चाहिए।’ मेहता ने कहा, ‘हमें विभिन्न सरकारी एजेंसियों से गारंटी भी चाहिए लेकिन यह सब तभी शुरू होगा जब सरकार इस बोली का समर्थन करेगी। सरकार का रुख इस मामले पर ज्यादा उत्साहवर्धक नहीं रहा है।’ खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने इस ओर इशारा किया था कि भारत इतना बड़ा आयोजन करने की जगह ओलंपिक में पदक जीतने के लिए आधारभूत संरचनाओं पर ज्यादा खर्च करना चाहेगा। मेहता ने कहा, ‘हमने आॅक्शन के बारे में सरकार को बता दिया है लेकिन खेल मंत्रालय से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। आईओए के स्तर पर हमने आॅक्शन प्रक्रिया के लिए काम करना शुरू कर दिया है। हम जो कर सकते है करेंगे बाकी सरकार के ऊपर है। चीन ने ओलंपिक की मेजबानी की है और वह 2022 में शीतकालीन ओलंपिक की मेजबानी करेगा। अगर दक्षिण कोरिया ओलंपिक की मेजबानी कर सकता है तो भारत क्यों नहीं। हमारा देश काफी बड़ा है, हम बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की तरफ बढ़ रहे हैं।’

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