नई दिल्ली: भारत और दक्षिण अफ्रीका महिलाओं के बीच बुधवार को बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम पर खेला गया दूसरा वनडे रिकॉर्ड्स के लिहाज से यादगार बन गया। महिला वनडे क्रिकेट इतिहास में पहला मौका रहा, जब चार बैटर्स ने शतक जड़े हो। इसके अलावा भी कई रिकॉर्ड्स बने। इस मुकाबले में कुल 646 रन बने और 9 विकेट गिरे। भारतीय टीम ने करीबी मैच 4 रन से जीतकर सीरीज भी अपने कब्जे में की।
बहरहाल, दक्षिण अफ्रीका सीरीज बराबर करने के करीब थी, लेकिन भारतीय ऑलराउंडर पूजा वस्त्राकर उनके लिए ‘चाणक्य’ साबित हुई। वस्त्राकर ने चाणक्य की तरह अपने दिमाग का बखूबी उपयोग किया और भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। बताते चले कि भारत ने दूसरे वनडे में पहले बल्लेबाजी करके निर्धारित 50 ओवर में तीन विकेट खोकर 325 रन बनाए। जवाब में प्रोटियाज टीम 49 ओवर में 4 विकेट खोकर 315 रन बना चुकी थी।
मेहमान टीम को आखिरी ओवर में जीतने के लिए 11 रन की दरकार थी और उसके 6 विकेट बचे थे। भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने लक्ष्य की रक्षा करने की जिम्मेदारी 24 साल की पूजा वस्त्राकर को दी। पूजा के लिए यह मैच अच्छा नहीं बीत रहा था, लेकिन अंतिम ओवर में कमाल का प्रदर्शन करके उन्होंने अपनी साख अच्छी बना ली। चलिए आपको आखिरी 6 गेंदों की रोमांचक कहानी बताते हैं।
दक्षिण अफ्रीका को आखिरी ओवर में जीतने के लिए 11 रन दरकार और उसके 6 विकेट भी बचे थे। लौरा वोलवार्ट स्ट्राइक पर थी जबकि गेंद पूजा वस्त्राकर के हाथों में थी।
पहली गेंद – पूजा वस्त्राकर टू लौरा वोलवाट – 1 रन। ऊंची फुलटॉस गेंद पर वोलवार्ट ने डीप मिडविकेट की दिशा में शॉट खेला। बैटर्स एक रन लेने में कामयाब।
दक्षिण अफ्रीका को अब 5 गेंदों में 10 रन की जरुरत
दूसरी गेंद – पूजा वस्त्राकर टू नादिने डी क्लर्क – 4 रन। वस्त्राकर ने एक और ऊंची फुलटॉस गेंद डाली, जिस पर डी क्लर्क ने ऑफ साइड में बाहर शॉट खेलना चाहा, लेकिन बल्ले के बाहरी किनारे पर गेंद लगने के बाद बाउंड्री लाइन के पार गई।
दक्षिण अफ्रीका को अब 4 गेंदों में 6 रन की दरकार।
तीसरी गेंद – वस्त्राकर टू डी क्लर्क – विकेट। कहानी में आया ट्विस्ट। पूजा वस्त्राकर ने धीमी गति की लेंथ बॉल डाली, जिस पर डी क्लर्क ने बड़ा शॉट खेलना चाहा। क्लर्क की टाइमिंग अच्छी नहीं रही और लांग ऑन पर रेड्डी ने कैच लपका। नाडीन डी क्लर्क ने 22 गेंदों में दो चौके और एक छक्के की मदद से 28 रन बनाए।
नोंडुमिसो शंगासे क्रीज पर आईं। दक्षिण अफ्रीका को 3 गेंदों में 6 रन की जरुरत। प्रोटियाज टीम के पास पांच विकेट बचे।
चौथी गेंद – पूजा वस्त्राकर टू नोंडुमिसो, विकेट। पूजा वस्त्राकर हैट्रिक लेने के करीब पहुंची। लगातार दो गेंदों में चटकाए दो विकेट। वस्त्राकर ने ऑफ स्टंप के काफी बाहर धीमी गति की गेंद डाली। शंगासे कट शॉट खेलने गए और हवा में शॉट खेला, लेकिन भारतीय कप्तान ने आसान कैच लपका। नोंडुमिसो खाता नहीं खोल सकी।
मीके डी रिडर क्रीज पर आईं। दक्षिण अफ्रीका को 2 गेंदों में 6 रन की दरकार। बेहद दिलचस्प मुकाबला।
पांचवीं गेंद – वस्त्राकर टू रिडर – 1 रन बाई का। धीमी गति की गेंद, डी रिडर स्कूप खेलने गईं, लेकिन चूक गईं। बैटर्स रन लेने में कामयाब होगी। आखिरकार कप्तान लौरा वोलवार्ट स्ट्राइक पर पहुंची।
दक्षिण अफ्रीका को 1 गेंद पर 5 रन की दरकार। क्या वोलवार्ट सिक्स मारेंगी या फिर चौका लगाकर मैच टाई करेंगी। देखते हैं कि क्या होता है।
छठी गेंद – वस्त्राकर टू वोलवार्ट – 0 रन। भारत को पूजा वस्त्राकर ने जीत दिलाई। आखिरी गेंद ऑफ स्टंप के बाहर लेंथ पर पटकी और वोलवार्ट के बल्ले का गेंद से कोई संपर्क नहीं हुआ। भारत ने 4 रन के अंतर से मैच जीता। बहुत ही रोमांचक मैच, यादगार मैच। भारत और दक्षिण अफ्रीका की महिला क्रिकेटर्स को इतना शानदार मैच खेलने पर शुभकामनाएं।
बता दें कि भारत ने दूसरे वनडे में पहले बल्लेबाजी करके 50 ओवर में तीन विकेट खोकर 325 रन बनाए। जवाब में दक्षिण अफ्रीका की टीम 50 ओवर में 6 विकेट खोकर 321 रन बना सकी। दोनों टीमों के बीच तीसरा व अंतिम वनडे रविवार को खेला जाएगा।