नई दिल्ली: भारत की सबसे अनुभवी महिला हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया ने सोमवार को संन्यास का ऐलान कर दिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कहा लेकिन वह हॉकी इंडिया लीग में खेलती रहेंगी। वंदना ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट डालकर यह जानकारी दी। उन्होंने इस पोस्ट में बताया कि वह पूरी तरह फिट और फॉर्म में होने के बावजूद क्यों संन्यास ले रही हैं।
वंदना ने साल 2009 में सीनियर टीम में डेब्यू किया था। उन्होंने भारत के लिए 320 मैच खेले हैं। वह भारत के लिए सबसे ज्यादा मैच खेलने वाली फॉरवर्ड खिलाड़ी हैं। साल 2021 में टोक्यो में हुए ओलंपिक्स में भी वंदना ने अपने प्रदर्शन से कमाल कर दिया था। वह ओलंपिक में हैट्रिक लगाने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनी है। टोक्यो ओलंपिक के दौरान उन्हें जातिवादी ट्रोलर्स का सामना करना पड़ा लेकिन उस स्थिति में भी उनके प्रदर्शन पर कोई असर नहीं हुआ। हरिद्वार की रहने वाली कटारिया ने फरवरी में भुवनेश्वर में एफआईएच प्रो लीग में भारत के लिये आखिरी मैच खेला।
इंस्टाग्राम पर लिखा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा , ‘‘आज भारी लेकिन कृतज्ञ मन से मैं अंतरराष्ट्रीय हॉकी से विदा ले रही हूं । यह फैसला सशक्त करने वाला और दुखी करने वाला दोनों है। मैं इसलिए नहीं हट रही हूं क्योंकि मेरे अंदर की आग मंद पड़ गई है या मेरे भीतर हॉकी नहीं बची है बल्कि इसलिए ले रही हूं क्योंकि मैं अपने करियर के शिखर पर संन्यास लेना चाहती हूं, जबकि मैं अभी भी अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर हूं।’’
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा ,‘‘यह विदाई थकान की वजह से नहीं है। यह अंतरराष्ट्रीय मंच को अपनी शर्तों पर छोड़ने का एक विकल्प है, मेरा सिर ऊंचा रहेगा और मेरी स्टिक अभी भी आग उगल रही होगी। भीड़ की गर्जना, हर गोल का रोमांच और भारत की जर्सी पहनने का गर्व हमेशा मेरे मन में गूंजता रहेगा।’’
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कटारिया ने कहा ,‘‘अपनी साथी खिलाड़ियों, अपनी बहनों से मैं यही कहूंगी कि आपके लगाव और विश्वास ने मुझे बल दिया। मेरे कोच और मेंटर्स ने अपनी सूझबूझ और मुझ पर भरोसे के सहारे मेरे कैरियर को तराशा।’’
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा ,‘‘मेरे दिवंगत पिता मेरी चट्टान, मेरे मार्गदर्शक थे। उनके बिना मेरा सपना कभी पूरा नहीं होता। उनके बलिदानों और प्यार से मेरे खेल की नींव पड़ी। उन्होंने मुझे सपने देखने, लड़ने और जीतने के लिये मंच दिया। लेकिन मेरी कहानी यहां खत्म नहीं होती। यह नयी शुरुआत है। मैं हॉकी उठाकर नहीं रखूंगी। मैं खेलती रहूंगी। हॉकी इंडिया लीग में और उसके अलावा भी। टर्फ पर अभी भी मेरे कदम पड़ेंगे और खेल के लिये मेरा जुनून कम नहीं होगा।’’
कटारिया 2016 और 2023 महिला एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी के साथ एफआईएच हॉकी महिला नेशंस कप 2022 में स्वर्ण पदक विजेता टीम का हिस्सा थी । उन्होंने 2018 एशियाई खेलों और 2018 चैम्पियंस ट्रॉफी में रजत पदक जीता । वह 2022 राष्ट्रमंडल खेल, 2014 और 2022 एशियाई खेल और 2021-22 एफआईएच प्रो लीग में कांस्य जीतने वाली टीम में भी थी।