नई दिल्ली: 18 फरवरी 2024 को भारतीय महिला हॉकी टीम की ज्योति छेत्री ने एफआईएच प्रो लीग में अमेरिका के खिलाफ मैच के दौरान प्रशंसकों को अपने प्रदर्शन से मंत्रमुग्ध कर दिया। हालांकि, 20 साल की हॉकी खिलाड़ी ने भले ही अमेरिका के छक्के छुड़ा दिए हों, लेकिन उन पर बेघर होने का संकट मंडरा रहा है। ज्योति और उनका परिवार करीब दो दशक से सरकारी जमीन पर बने घर में जीवन गुजार रहा है। अब सड़क चौड़ीकरण पहल के कारण इस घर के टूटने का खतरा है।
राज मिस्त्री हैं ज्योति के पिता
ज्योति के पिता भीम छेत्री राज मिस्त्री हैं। भीम छेत्री ने बताया कि परिवार को सड़क चौड़ीकरण अभियान के लिए घर खाली करने के लिए स्थानीय अधिकारियों ने नोटिस थमा दिया है। उनके लिए यह बहुत बड़ी चुनौती है, क्योंकि परिवार 20 साल पहले यहां आया था और बिना किसी कागजात के करीब 300 वर्ग फुट सरकारी जमीन पर एक घर बनाया था।
लंबी है दिग्गज खिलाड़ियों की लिस्ट
प्रसिद्ध पानपोश स्पोर्ट्स हॉस्टल के ठीक सामने एक घुमावदार सड़क किनारे बना यह एक साधारण घर है। यहां से तीन नदियों शंख, कोयल और सरस्वती के संगम का नजारा दिखता है। इस स्पोर्ट्स हॉस्टल से पूर्व कप्तान और मौजूदा हॉकी इंडिया अध्यक्ष दिलीप टिर्की, पूर्व-अंतरराष्ट्रीय लाजर बारला, प्रबोध टिर्की और वर्तमान भारतीय टीम के डिफेंडर अमित रोहिदास जैसे कई अंतरराष्ट्रीय हॉकी सितारे निकले।
भीम ने याद करते हुए कहा, ‘मैं 1988 में रांची से राउरकेला चला गया। जब मैं पहली बार यहां आया था तो मैं हॉस्टल में चौकीदार था और उनकी ओर से दिए गए क्वार्टर (कमरे) में रहता था। मैं सहायक रसोइये के रूप में उनकी कैंटीन में शामिल हो गया। फिर मेरी शादी हो गई, दो बच्चे हुए और परिवार के साथ रहने के लिए यह जगह बहुत छोटी थी।’
उनका दावा है कि छात्रावास के एक अधिकारी ने उन्हें मेनगेट के बाह छोटी सी जमीन पर एक घर बनाने का सुझाव दिया। ज्योति के जन्म के तुरंत बाद चार लोगों का परिवार वहीं रहने लगा। यह मकान 2 साल पहले तक यह उनका घर था। दो साल पहले स्थानीय अधिकारी उनके घर पहुच गए।
2026 की शुरुआत तक मिली है मोहलत
भीम ने कहा, ‘कुछ 8-10 सरकारी अधिकारी माप लेने आए और हमें सूचित किया कि वे घर गिरा देंगे। उन्होंने हमें घर गिराने का काम शुरू करने से पहले 2025 या 2026 की शुरुआततक का समय दिया…। हम एक नया घर या जमीन खरीदने की नहीं सोच सकते। हमने सरकारी अधिकारियों से हमारा पुनर्वास करने का अनुरोध किया। उन्होंने हमसे हमारे आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज मांगे, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है।’
सड़क चौड़ी करने के कारण घर गिरने का नंबर आया
एक बार घर ढहने के बाद संकरी लेन वाली सड़क को चौड़ा किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नदी पर बने पुल पर कोई रुकावट न हो और 10 किमी दूर कुआरमुंडा को पानपोश से जोड़ा जाए। यह एक राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा है और चार लेन चौड़ीकरण का काम ओडिशा में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा किया जा रहा है।
एनएचएआई के एक अधिकारी ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है, लेकिन अगर सरकारी भूमि पर कोई अतिक्रमण है तो उसे गिराने का नोटिस या तो तहसीलदार या अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट या एनएचएआई के नेतृत्व में भूमि अधिग्रहण के सक्षम प्राधिकारी की ओर से जारी किया जाता है।
जिम्मेदारी लेने से कन्नी काट रहे अधिकारी?
सुंदरगढ़ के जिलाधिकारी (जिनके अधिकार क्षेत्र में यह आता है) गवली पराग हर्षद ने कहा कि वह मामले को देखेंगे। उन्होंने हर तरह से समर्थन का आश्वासन दिया। गवली पराग हर्षद ने कहा, ‘हालांकि मुझे इस मुद्दे की पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन मैं निश्चित रूप से इस पर गौर करूंगा। उनके (ज्योति) परिवार को जो भी मदद की जरूरत होगी, हम अपनी ओर से करेंगे। भले ही यह हमारी ओर से संभव नहीं है, हम राज्य सरकार से मदद का अनुरोध करेंगे।’
जब यही सवाल मौजूदा एडीएम आशुतोष कुलकर्णी से पूछा गया तो उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘चूंकि मैंने अभी कार्यभार संभाला है। मुझे मामले की जानकारी नहीं है, इसलिए मैं टिप्पणी नहीं कर पाऊंगा।’ बता दें कि घर का ज्यादातर हिस्सा सिर्फ ईंटों और गारे से बना है। हालांकि, हाल ही में ज्योति ने जो पुरस्कार राशि जीती उससे उनके पिता ने मुख्य सड़क के सामने वाले बाहरी हिस्से के साथ-साथ घर के अंदर भी पेंटिंग कराई थी।
ज्योति को उम्मीद है कि हॉकी में सफलता एक रास्ता हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘अगर मैं हॉकी में अच्छा प्रदर्शन करती हूं और भविष्य में खेलना जारी रखती हूं तो मुझे कुछ वित्तीय मदद मिल सकती है या पुरस्कार राशि जीत सकती है। इससे मैं अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकती हूं।’
अब सिर्फ भगवान का भरोसा: भीम छेत्री
भीम नहीं चाहते कि उनकी बेटी का ध्यान भटके। उन्होंने कहा, ‘हमें चिंता है कि क्या होगा, लेकिन हमने ज्योति को बिना किसी दबाव, बिना इसके बारे में सोचे खेलने के लिए कहा है। हम देखेंगे कि क्या होता है, हम भगवान की दया पर हैं। वह हमें जहां भी ले जाए।’