नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने 22 मार्च से शुरू होने वाले आईपीएल 2025 से पहले सुझाव दिया कि अगर हार्दिक पंड्या पर कोई बॉयोपिक बनाई जाए तो उसमें इस बात का जिक्र जरूर होना चाहिए कि उन्होंने किस तरह से कड़ी आलोचनाओं से पार पाया और फिर दमदार वापसी की। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आईपीएल 2024 से ठीक पहले हार्दिक पंड्या गुजरात टाइटंस को छोड़कर मुंबई इंडियंस में शामिल हो गए थे और रोहित को हटाकर उन्हें टीम का कप्तान बना दिया गया था। इसके बाद उनकी हर जगह जमकर आलोचना की गई और फैंस ने उनका खूब मजाक बनाया।
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में मुंबई इंडियंस और गुजरात टाइटंस के बीच खेले गए मैच के दौरान मिसफील्ड के कारण हार्दिक को हूटिंग का सामना करना पड़ा था। यही नहीं वो जहां भी जाते थे फैंस उनका जमकर हूटिंग करते थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कैफ ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में बताया कि हार्दिक ने मानसिक तनाव और अपमान सहा, जिसका सामना किसी भी खिलाड़ी को नहीं करना चाहिए। हालांकि उन्होंने हार्दिक की तारीफ करते हुए कहा कि वो दबाव के आगे नहीं झुके और इसके बजाय शेर की तरह लड़ते हुए सफल वापसी की।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कैफ ने कहा कि हार्दिक ने उस दर्द को अपने तक ही सीमित रखा और आगे बढ़ गए। यही हार्दिक पंड्या की वापसी की कहानी है। यह एक बुरा सफर था। प्रशंसकों ने उन्हें हूट किया और लोगों ने उन्हें खत्म मान लिया। एक खिलाड़ी के तौर पर मैं आपको बता सकता हूं, बेइज्जती अपमान के साथ आगे बढ़ना, उसे सहना, सबसे गहरा जख्म होता है। आईपीएल 2024 के बाद हार्दिक पांड्या उस भारतीय टीम का हिस्सा बने जिसने दो आईसीसी खिताब जीते और इससे उनके करियर में बड़ा बदलाव आया। हार्दिक ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 और फिर चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भारत की जीत में बड़ी भूमिका निभाई।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कैफ ने कहा कि आप उन्हें टीम से बाहर कर सकते हैं, लेकिन अपमानित होना अच्छा संकेत नहीं था। यह खिलाड़ी के लिए मानसिक यातना साबित होता है। मानसिक यातना- यही हार्दिक के साथ हुआ। इन सबके बावजूद वह टी20 विश्व कप में खेले, जहां मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने फाइनल में हेनरिक क्लासेन को आउट किया। फिर, चैंपियंस ट्रॉफी में उन्होंने एडम जंपा के खिलाफ छक्के लगाए। उन्होंने बल्ले और गेंद से प्रदर्शन किया और शेर की तरह जमकर लड़ाई की। अगर कभी उन पर कोई बायोपिक बनती है तो इसमें जिक्र होना चाहिए कि एक खिलाड़ी किस तरह से सभी बाधाओं से लड़ा, शांत रहा, अपनी ताकत पर भरोसा किया और फिर वापसी की।