नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को खेलों की ‘परिवर्तनकारी शक्ति’ की सराहना की और ‘खेलो इंडिया बीच गेम्स (तटीय खेल)’ को देश के खेल इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण बताया। खेलो इंडिया के तहत पहली बार आयोजित हो रहे इन खेलों की औपचारिक घोषणा सोमवार को खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने घोघला बीच पर एक रंगारंग समारोह में की।
पीएम मोदी ने इन खेलों की भारतीय खेल कैलेंडर में अहम जगह बनाने की उम्मीद जताते हुए खेलों के आयोजकों को बधाई दी और शुभकामनाएं दीं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने अपने संदेश में कहा, ‘हमारे जैसे विविधतापूर्ण देश में खेलों में हमेशा एक अनूठी शक्ति रही है जो संस्कृतियों, क्षेत्रों और भाषाओं को जोड़ती है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, ‘खेलों की जीवंत ऊर्जा मनोरंजन से परे है और यह एक परिवर्तनकारी शक्ति बन गई है, जो राष्ट्रीय गौरव और हमारे युवाओं की आकांक्षाओं का प्रतीक है। इस संदर्भ में खेलो इंडिया बीच गेम्स का अधिक महत्व है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्घाटन केआईबीजी के लिए दीव को चुना जाना उचित है। उन्होंने कहा, ‘सूर्य, रेत और पानी का यह संगम शारीरिक चुनौती को बढ़ाता है और साथ ही हमारी तटीय विरासत का जश्न मनाता है। जब लहरें तटों से टकराएंगी और एथलीट प्रतिस्पर्धा करेंगे, तो भारत खेलों में एक नया अध्याय लिखेगा।’
केआईबीजी में 30 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 1,350 से अधिक एथलीट प्रतिस्पर्धा करेंगे। एथलीट छह पदक खेलों में प्रतिस्पर्धा करेंगे। इसमें फुटबॉल, वॉलीबॉल, सेपकटकरा, कबड्डी, पेनकैक सिलाट और खुले पानी में तैराकी शामिल है। इन खेलों में मल्लखंब और रस्साकशी को प्रदर्शन खेल (गैर-पदक) के तौर पर शामिल किया गया है।
उद्घाटन समारोह में पारंपरिक नृत्य शैलियों के माध्यम से भारत की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित किया गया। इसमें दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव और लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल, पुडुचेरी के उपराज्यपाल के. कैलाशनाथ और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल एडमिरल डी.के. जोशी सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मांडविया ने 2047 तक भारत को खेल महाशक्ति बनाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा, ‘आज हम न केवल एक खेल आयोजन का उद्घाटन कर रहे हैं, बल्कि हम भारत की पहली समुद्र तटीय खेल क्रांति की शुरुआत कर रहे हैं। मेरा मानना है कि जहां लहरें हैं, वहां जुनून होना चाहिए; जहां रेत है, वहां उत्साह और जोश होना चाहिये। ‘खेलो इंडिया बीच गेम्स’ ने आज हम सभी के दिलों में वही उत्साह जगा दी है।’
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मांडविया ने कहा, ‘खेल घरेलू खेल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और दुनिया को एक मजबूत संदेश भेजने का एक तरीका है कि भारत किसी भी पैमाने के अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेजबानी करने में सक्षम है।’ मांडविया ने केआईबीजी को उचित महत्व देने की वकालत करते हुए कहा, ‘बीच वॉलीबॉल जैसे खेल न केवल युवाओं को शौक के तौर पर आकर्षित करते हैं, बल्कि उन्हें करियर के अवसर भी प्रदान करते हैं। यह पहली बार है कि भारत के समुद्र तटों पर इतने बड़े पैमाने पर प्रतिस्पर्धी खेल आयोजित किए जा रहे हैं।’ मंत्री ने कहा कि भारत एक फिटनेस जागरुक राष्ट्र बन रहा है और खेल की संस्कृति ‘न्यू नॉर्मल’ बन गई है।