भोपाल: मध्यप्रदेश ने 68वीं राष्ट्रीय शालेय बैडमिंटन स्पर्धा में 17 वर्ष बालकों का टीम खिताब बिना प्रशिक्षक के सहारे जीता, मप्र ने पहली बार राष्ट्रीय शालेय बैडमिंटन का कोई खिताब हासिल किया है, मप्र की जीत के शिल्पकार इंदौर संभाग के नैवैद्य तोंड़े और अवध बिल्लौरे रहे, नैवैद्य तोंड़े 17 वर्ष बालक एकल में भी क्वार्टर फाइनल तक खेले, मप्र के नर्मदापुरम में 17 से 21 नवम्बर तक हुई इस स्पर्धा में 17 वर्ष बालक टीम फाइनल में मप्र ने तेलंगाना को 2-1 से हराया, नैवैद्य तोंड़े ने अखिलेश गौड को 10-15, 15-12, 15-7 से हराया, नैवैद्य तोंड़े और आर्यन उपाध्याय, अखिल रेड्डी बोब्बा और लक्ष्मी खेतान से 10-15, 10-15 से हार गए, अवध बिल्लौरे ने अखिल रेड्डी बोब्बा को15-12,16-14 से हराकर मप्र को जीत दिलाई,
सेमीफाइनल में मप्र ने पांडिचेरी को 2-1 से पराजित किया, महाराष्ट्र को तीसरा स्थान मिला,समूह लीग में मप्र ने हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, त्रिपुरा और मणिपुर को 2-0 से हराया, मप्र बिहार और केंद्रीय विद्यालय से 2-0 से जीता, मप्र टीम में भोपाल के जेफ जस्टिस और इंदौर के आदिश पटवा भी थे,रात 4बजे तक मैच खेले गए, नर्मदापुरम में दो साल के साथ ही इटारसी में भी मुकाबले हुए, 17 वर्ष बालक एकल में नैवैद्य तोंड़े, क्वार्टर फाइनल में राजस्थान के जंगजीत सिंह से 15-21 से हारा, जंगजीत, फाइनल में पंजाब के इश्मीत सिंह से पराजित हुआ जो केंद्रीय विद्यालय टीम से खेला, मप्र का अवध बिल्लौरे प्रि क्वार्टर फाइनल में हारा, व्यक्तिगत मुकाबलों में 21अंकों का एक गेम ही हुआ, रात ढाई -तीन बजे मैच हुए,
मप्र की 17 वर्ष बालिका टीम प्रि क्वार्टर फाइनल में राजस्थान से हारी, लगातार हारने के बावजूद आदित्या शर्मा को पहला मैच खिलाना भारी पड़ा, जबकि कनिका जाट को जब खिलाया, उसने अपने मैच जीते , मप्र ने उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर को 2-0 से हराया, दोनों में कनिका जाट अपना मैच जीती, मप्र केरल से 0-2 से हार कर समूह में दूसरे स्थान पर रहा, 17 वर्ष बालिका फाइनल में केंद्रीय विद्यालय ने महाराष्ट्र को, 19वर्ष बालक फाइनल में पंजाब ने चंडीगढ़ को और 19वर्ष बालिका फाइनल में कर्नाटक ने महाराष्ट्र को हराया, 68वीं राष्ट्रीय शालेय बैडमिंटन स्पर्धा और 47 वीं राष्ट्रीय जूनियर 19वर्ष बैडमिंटन स्पर्धा ( 19 से 25 नवम्बर)की तारीख के टकराव की वजह से खिलाड़ी बंट गए, 19वर्ष बालक वर्ग की मप्र टीम के नंबर एक खिलाड़ी उज्जवल गोयल नर्मदापुरम के बजाय भुवनेश्वर ओडिशा खेलने गए, नर्मदापुरम में पहली बार बैडमिंटन और शतरंज की राष्ट्रीय शालेय स्पर्धा हुई,