भोपाल। प्रदेश के सीहोर जिले की 24 वर्षीय मेघा परमार ने विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी ’’माउंट एवरेस्ट’’ को फतेह किया। माउंट एवरेस्ट की साहसिक यात्रा पूर्ण कर मेघा परमार ने आज खेल मंत्री श्री जीतू पटवारी से उनके निवास पर भेंट की और अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर पूर्व मंत्री डाँ. रामकृष्ण कुसमरिया और पर्वतारोही श्री रत्नेश पाण्डे भी उपस्थित थे। खेलमंत्री जीतू पटवारी ने मेघा परमार को माउंट एवरेस्ट की साहसिक एवं विजयी यात्रा के लिए बधाई देते हुए कहा है कि मेघा ने मध्यप्रदेश का नाम रौशन किया है। श्री पटवारी ने कहा की दृढ़ इच्छा शक्ति और कुछ कर गुजरने का जुनून व्यक्ति को सफलता दिलाता है जिसे मेघा परमार ने साबित कर दिखाया है।
मेघा परमार ने टी.टी. नगर स्टेडियम पहुंचकर संचालक खेल और युवा कल्याण डाँ. एस.एल. थाउसेन से भी भेंट की और अपनी साहसिक यात्रा के लिए खेल विभाग से मिले सहयोग के लिए उनका आभार व्यक्त किया। मेघा परमार ने समर कैम्प में हिस्सा ले रहे खिलाड़ी बच्चों से भी मुलाकात की।
उल्लेखनीय है कि मेघा परमार को उनकी साहसिक यात्रा के लिए खेल विभाग द्वारा 15 लाख रूपयों की प्रोत्साहन राशि मंजूर की गई। मेघा परमार को इस साहसिक यात्रा हेतु शारीरिक एवं मानसिक तैयारी के लिए टी.टी. नगर स्टेडियम में एथलेटिक्स प्रशिक्षक श्री एस.के. प्रसाद एवं श्री वीरेन्द्र तथा फिजियो डाँ. जीन्स थामस मैथ्यू द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
ऐसे किया एवरेस्ट फतेह
सीहोर के छोटे से गांव भोज नगर की मेघा परमार ने 22 मई 2019 को प्रातः 05.00 बजे सागरमाथा कहे जाने वाले विश्व के सबसे ऊंचे पर्वत ’’माउंट एवरेस्ट’’ 29,028 फीट (8848 मीटर) को फतेह किया। मेघा ने अपना सफर 05 अप्रैल 2019 को भोपाल से रवाना होकर रात काठमांडू पंहुचकर प्रारम्भ किया। 08 अप्रैल 2019 को लूक्ला पंहुची, 09 अपै्रल को लुक्ला पंहुच कर अपना ट्रैक प्रारम्भ किया। लुक्ला से नामचे, 11 अप्रैल को टेंगबोच, डिंगबोच, लबुचे, बोरखाशेप होते हुये 15 अप्रैल को काला पत्थर एवं एवरेस्ट बेस कैम्प पंहुचे। ऐवरेस्ट बेस केम्प के आसपास प्रतिदिन ट्रेक करते अभ्यास किया।
12 मई 2019 को फाईनल सम्मीट के लिये बैस केम्प से चढाई प्रारम्भ की। 20 मई 2019 को कैम्प फोर पंहुचकर अन्तिम सम्मीट (शिखर 05) पर देर रात प्रस्थान करने की योजना टीम द्वारा बनायी गई, परन्तु अत्यधिक मौसम खराब होने के कारण उस दिन टीम प्रस्थान नहीं कर सकी। 20 मई 2019 को रात्रि 09.00 बजे कैम्प फोर से अन्तिम सम्मीट हेतु प्रस्थान किया गया। रातभर ट्रैक के पश्चात् 22 मई 2019 को प्रातः 05.00 बजे ’’माउंट एवरेस्ट’’ शिखर पर पंहुच कर सागर माथा पर्वत को फतेह किया।
टीम के अन्य 03 सदस्य घायल एवं बीमार होने के कारण अन्तिम सम्मीट नहीं कर सके। मेघा के साथ सतना मध्य प्रदेश के रत्नेश पाण्डे, 02 पर्वतारोहियों को रेस्क्यु करने के कारण उनकी ऑक्सीजन खत्म होने से सम्मीट नहीं कर सकें ।
आधे घण्टे शिखर पर रूकने के पश्चात् वापस लौटते समय कैम्प फोर के नजदीक मेघा के शेरपा को फॉस व्हाईट होने के कारण वे भी बीमार हो गयें, मेघा अकेली कैम्प थ्री 22 मई की शाम लगभग 07.00 बजे पहुंची व 23 मई की रात्रि तक कैम्प थ्री में ही रहने के पश्चात् रात्रि ट्रैक कर 24 मई 2019 को प्रातः 05.00 बजे कैम्प टू पहुंची। मेघा का भी स्वास्थ्य गडबडाया, उन्हें 24 मई को लुक्ला हॉस्पिटल में प्राथमिक उपचार के पश्चात् कांठमांडू रेस्क्यु कर पहुंचाया गया।