भोपाल: सरकार ने राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को अपने कामकाज को व्यवस्थित करने का निर्देश दिया है। उसने राष्ट्रीय खेल महासंघों (National Sports Federations) के पदाधिकारियों से कहा है कि वे लंबे समय तक अपने पदों पर बने रहने पर ध्यान न दें और चुनाव परिणामों को लेकर अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचें। 2036 ओलंपिक की मेजबानी के अंतिम लक्ष्य की ओर सरकार के प्रयासों को लेकर खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने जोर देकर कहा कि एथलीट्स की आवश्यकताओं को सबसे आगे रखा जाना चाहिए क्योंकि भारत 2028 लॉस एंजिल्स खेलों में अधिक पदक जीतने का लक्ष्य रखता है।
मनसुख मंडाविया ने मंगलवार 21 जनवरी 2025 को एनएसएफ के साथ एक बैठक की। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बैठक के दौरान उन्होंने कहा, ‘सभी महासंघों को अपने कामकाज में सुशासन अपनाना होगा। चुनाव पारदर्शी होने चाहिए। लोगों की आदत होती है कि अगर वे चुनाव हार जाते हैं तो वे अदालतों में चले जाते हैं। दूसरी ओर, कई ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने पदों पर बने रहते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे हमारे एथलीट्स के लिए समस्याएं पैदा होती हैं।’
एनएसएफ के कामकाज में ‘अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही’ की आवश्यकता पर जोर देते हुए खेल मंत्री ने सभी हितधारकों से बेहतर प्रदर्शन और नतीजों के लिए एकमत होने को कहा। मनसुख मंडाविया ने कहा, ‘अगर हम 2036 ओलंपिक की मेजबानी करना चाहते हैं और लॉस एंजिल्स 2028 में अपने पदकों की संख्या में सुधार करना चाहते हैं, तो सभी हितधारकों को अपने संसाधनों और प्रयासों को एक साथ लाना होगा। हमें पहले राष्ट्र के बारे में सोचना होगा, एथलीट देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, किसी संगठन का नहीं।’
बैठक में मान्यता प्राप्त सभी एनएसएफ के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। खेल मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मंत्री ने एनएसएफ से कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहलों के जरिये निजी क्षेत्र के समर्थन से प्रतिभा विकास और कोचिंग पर ध्यान केंद्रित करने वाली अकादमी संस्कृति विकसित करने को प्राथमिकता देने को कहा है।
एक दिन पहले ही भोपाल में केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने 2036 ओलंपिक की मेजबानी करने की भारत की महत्वाकांक्षा और अगले दशक के भीतर देश को अंतरराष्ट्रीय खेलों में शीर्ष 10 में लाने की रणनीति की घोषणा की थी। इस व्यापक योजना में खेलो इंडिया स्कूल गेम्स के जरिये प्रतिभाओं की पहचान और खेल के बुनियादी ढांचे का विस्तार करना शामिल है, जिसका लक्ष्य भारत की स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष तक महत्वपूर्ण सुधार करना है।
खेल मंत्रालय राष्ट्रीय महासंघों (एनएसएफ) के लिए वित्तपोषण की एक श्रेणीबद्ध प्रणाली शुरू करने पर विचार कर रहा है जिसके तहत आवंटन खेल विधेयक के मसौदे में ‘सुशासन’ से संबंधित प्रावधानों के अनुपालन के स्तर पर निर्भर करेगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ‘आप अगर सुशासन प्रावधानों का पूरी तरह से अनुपालन करते हैं तो आपको अपना पूरा हिस्सा मिलेगा। ऐसी प्रणाली लागू करने पर बात चल रही है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो इसमें कटौती हो सकती है। इस पर हालांकि अभी विचार ही किया जा रहा है। इस तरह की प्रणाली के कार्यान्वयन से एनएसएफ की पारदर्शिता और प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है।’ खेल विधेयक के मसौदे को जल्द ही संसद में पेश किये जाने की उम्मीद है। इसमें शासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आचार आयोग और विवाद समाधान आयोग की स्थापना का प्रस्ताव है।