पुणे। राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स ने महेंद्र सिंह धोनी के स्थान पर आॅस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ को आईपीएल के दसवें सीजन के लिए अपना कप्तान नियुक्त किया है। आखिर महेंद्र सिंह धोनी को कप्तानी से हटने के लिए कहा गया या उन्होंने स्वेच्छा से कप्तानी छोड़ी है यह अभी भी यक्ष प्रश्न बना हुआ है। क्रिकेट जगत अपने-अपने हिसाब से अनुमान लगा रहा है। महेंद्र सिंह धोनी आईपीएल में अबतक कप्तान की हैसियत से ही खेलते रहे हैं। इस सीजन में धोनी को दूसरे की कप्तानी में खेलते हुए देखना उनके प्रशंसकों को रास नहीं आएगा। आईपीएल 2016 सीजन में राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स की टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 14 मुकाबलों में से सिर्फ 5 में जीत दर्ज की थी। यह आईपीएल में पहला मौका था जब धोनी कप्तान के रूप में अपनी टीम को प्लेआॅफ में नहीं पहुंचा सके थे।
इसबीच सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक महेंद्र सिंह धोनी और राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स मैनेजमेंट के रिश्ते पिछले साल आईपीएल से ही ठीक नहीं थे। आरपीएस और एमएस धोनी के बीच विश्वास की कमी थी और पुणे टीम के मालिक धोनी की सलाह नहीं मानते थे। सूत्रों के मुताबिक पिछले साल आईपीएल आॅक्शन में भी पुणे टीम मैनेजमेंट ने एमएस धोनी का सलाह नहीं माना था और अपने मुताबिक ही खिलाड़ियों की बोली लगाई थी। महेंद्र सिंह धोनी टीम में वेस्टइंडीज के आॅलराउंडर ड्वेन ब्रावो और बेंडन मैक्कलम को चाहते थे, लेकिन पुणे टीम मैनेजमेंट ने उनकी एक ना सुनी और अपने मन मुताबिक ही खिलाड़ियों की बोली लगाई।
सूत्रों ने बताया कि महेंद्र सिंह धोनी ने आईपीएल 2016 आॅक्शन में पुणे टीम मैनेजमेंट को अपनी पसंद के खिलाड़ियों के बारे में साफ-साफ बताया था। उन्होंने ड्वेन ब्रावो और ब्रेंडन मैक्कलम को टीम के लिए अपनी रणनीति का अहम हिस्सा बताया था और उन्होंने इन दोनों खिलाड़ियों को टीम के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताया था। लेकिन, आॅक्शन में आरपीएस ने धोनी की सलाह को अनसुना करते हुए इन दोनों खिलाड़ियों को नहीं खरीदा। हालांकि, इस मुद्दे पर आरपीएस टीम मैनेजमेंट ने धोनी और टीम के बीच आपसी सहमति पर आधारित फैसला था और एमएस धोनी उनके लिए अहम भूमिका में रहेंगे।’