नई दिल्ली। क्रिकेट प्रेमी हैं और महेंद्र सिंह धौनी के फैन हैं तो 10 जुलाई का दिन आपको याद ही होगा, जब पिछले साल वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ एमएस धौनी आखिरी बार इंटरनेशनल मैच खेलने उतरे थे। ये मुकाबला वर्ल्ड कप 2019 का सेमीफाइनल था, जिसमें भारतीय टीम को करीबी हार का सामना करना पड़ा था और एमएस धौनी के आउट होते ही पूरा स्टेडियम, टीवी और स्मार्टफोन पर मैच देख रहे करोड़ों भारतीय फैंस रो पड़े थे।
दरअसल, इंग्लैंड और वेल्स की सरजमीं पर खेले गए वर्ल्ड कप 2019 का पहला सेमीफाइनल टेबल टॉपर टीम इंडिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था। न्यूजीलैंड की टीम ने नेट रनरेट के आधार पर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी, जबकि भारतीय टीम ने लीग दौर में 7 टीमों को हराया था। ऐसे में भारतीय टीम मजबूत मानी जा रही थी। ये मैच 9 जुलाई को शुरू हुआ, लेकिन 10 जुलाई को खत्म हुआ। ऐसा बारिश के कारण हुआ था।
वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल होने की वजह से सेमीफाइनल में रिजर्व डे था। पहले दिन न्यूजीलैंड की टीम ने पहले खेलते हुए 46.1 ओवर में 211 रन बनाए थे। हालांकि, इसके बाद बारिश ने खलल डाला और मैच शुरू नहीं हो सका। ऐसे में बाकी का मैच रिजर्व डे यानी 10 जुलाई को हुआ। न्यूजीलैंड की टीम ने 50 ओवर खेलकर 8 विकेट के नुकसान पर 239 रन बनाए थे। 240 रन का स्कोर ज्यादा नहीं था, क्योंकि रोहित शर्मा, विराट कोहली और एमएस धौनी लय में थे।]
240 रन के टारगेट का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को दूसरे तीसरे और चौथे ओवर में लगातार तीन झटको रोहित शर्मा, विराट कोहली और केएल राहुल के रूप में लगे जो 1-1 रन बनाकर आउट हो गए। इस तरह भारतीय टीम पर दबाव आ गया। टीम के कोच रवि शास्त्री, बल्लेबाजी कोच संजय बांगर और टीम मैनेजमेंट ने बैटिंग ऑर्डर में बदलाव कर दिया। केएल राहुल के आउट होते ही मैदान पर दिनेश कार्तिक बल्लेबाजी करने आए।
माना जा रहा था कि विकेट गिरते देख एमएस धौनी मैदान पर आएंगे, क्योंकि उनको ऐसी परिस्थितियों में खेलने का अनुभव है, लेकिन कार्तिक को भेजा गया। दिनेश कार्तिक ने युवा रिषभ पंत के साथ पारी को आगे बढ़ाया और 9 ओवर तक विकेट नहीं गिरने दिया, लेकिन पहले पावरप्ले के आखिरी ओवर में मैट हेनरी ने कार्तिक को नीशम के हाथों कैच आउट करा दिया। भारत का स्कोर 4 विकेट के नुकसान पर 9.4 ओवर में 24 रन था।
महज 10 ओवर में 5 विकेट गिरने के बाद सभी को भरोसा था कि एमएस धौनी अब विकेट संभालने के लिए मैदान पर आएंगे, लेकिन इस बार भी पवेलियन से हार्दिक पांड्या आए। क्रीज पर दो कम अनुभव वाले खिलाड़ी रिषभ पंत और हार्दिक पांड्या थे। दोनों ने पारी को आगे बढ़ाया और संभलकर खेल रहे थे, लेकिन रन गति को बढ़ाने के चक्कर में खराब शॉट खेलकर रिषभ पंत 32 रन पर आउट हो गए, लेकिन अब धौनी क्रीज पर आ चुके थे।
धौनी ने हार्दिक के साथ बल्लेबाजी की, लेकिन हार्दिक पांड्या भी 32 रन बनाकर आउट हो गए। टीम के 6 विकेट गिर चुके थे और स्कोर 92 रन था। यहां से अनुभवी बल्लेबाज एमएस धौनी ने रवींद्र जड़ेजा के साथ सातवें विकेट के लिए बल्लेबाजी करते हुए पहले भारत के स्कोर को 100 के पार, फिर 150 के पार और फिर 200 के पार भेजा। यहां से मुकाबला लगभग बराबरी पर पहुंच चुका था, लेकिन जड़ेजा 77 रन की ऐतिहासिक पारी खेलकर आउट हो गए।
इसके बाद दारोमदार एमएस धौनी के कंधों पर था, लेकिन दूसरे छोर पर कोई बल्लेबाज नहीं था। भुवनेश्वर के साथ धौनी ने पारी को आगे बढ़ाया, लेकिन मैच के रोमांचक मोड़ पर कुछ पल गेंद पर नजर बनाए रखने के कारण धौनी मार्टिन गप्टिल के एक सीधे थ्रो पर रन आउट हो गए। एमएस धौनी 50 रन पूरा कर चुके थे और मैच जिता सकते थे, लेकिन गेंद को देखने के चक्कर में वे क्रीज से कुछ इंच पीछे रह गए और इसके बाद भारत 221 रन ऑल हो गया और मैच 18 रन से हारकर विश्व कप से बाहर हो गए।
इसके बाद से एमएस धौनी ने एक भी मैच नहीं खेला है। इस मैच में धौनी के आउट होते ही हर कोई रोने लगा था, क्योंकि सभी को पता चल गया था कि इस मैच को भारतीय टीम हार जाएगी। मैच के दौरान भारतीय टीम के उपकप्तान रोहित शर्मा भावुक दिखे थे, जबकि मुकाबले के बाद रवींद्र जड़ेजा भी खूब रोए थे, जिसका खुलासा उनकी पत्नी ने किया था। वहीं, हर एक खिलाड़ी उस दिन काफी भावुक था, क्योंकि ये वर्ल्ड कप धौनी का आखिरी वनडे वर्ल्ड कप था।