नई दिल्ली,टिम साउथी की अगुवाई में गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत न्यूजीलैंड ने भारत को दूसरे वनडे में छह रन से हरा दिया है। भारत की पूरी टीम 243 रन के जवाब में 49.3 ओवर में 236 रन ही बना सकी। भारत की ओर से केदार जाधव ने सर्वाधिक 41 रन बनाए जबकि साउथी ने 52 रन देकर तीन विकेट हासिल किए। रोहित शर्मा 15, विराट कोहली 9, अजिंक्य रहाणे 28, मनीष पांडेय 19, केदार जाधव 41 और महेंद्र सिंह धौनी,पंडया ने 39- 39 रन बनाकर पवेलियन लौटे।
इससे पहले केन विलियमसन वर्तमान दौरे में न्यूजीलैंड की तरफ से शतक जड़ने वाले पहले बल्लेबाज बने लेकिन भारत ने आखिरी दस ओवरों में बेहतरीन वापसी करके कीवी टीम को नौ विकेट पर 242 रन ही बनाने दिए। विलियमसन ने 118 रन बनाए जो किसी कीवी कप्तान का भारत के खिलाफ सर्वोच्च स्कोर है। उन्होंने अपनी पारी में 118 गेंदों का सामना किया तथा 14 चौके और एक छक्का लगाया। विलियमसन ने इस बीच टाम लैथम (46) के साथ दूसरे विकेट के लिए 120 रन की साझेदारी की। भारत की तरफ से तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने 35 रन देकर तीन और लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने 60 रन देकर तीन लिए। उमेश यादव और अक्षर पटेल ने एक-एक विकेट हासिल किया।
न्यूजीलैंड ने 40 ओवर में तीन विकेट पर 202 रन बनाए थे और लग रहा था कि वह 300 रन के करीब पहुंच जाएगा लेकिन अंतिम दस ओवरों में भारत ने केवल 40 रन दिये और इस बीच छह विकेट निकाले। आलम यह था कि 38वें ओवर के बाद 50वें ओवर में गेंद ने सीमा रेखा का दर्शन किया।भारत ने टॉस जीतने के बाद शानदार शुरुआत की थी। उमेश की दूसरी गेंद ही कातिल थी जिस पर दुनिया का कोई भी बल्लेबाज गच्चा खा जाता फिर मार्टिन गुप्टिल की क्या बिसात जो इस सीरीज में शुरू से रन बनाने के लिए तरस रहे हैं। गुडलेंथ पर पिच कराई गई इस गेंद में तेजी, सटीकता, हल्की स्विंग सब कुछ था जिसने गुप्टिल का आफ स्टंप थर्रा दिया। गुप्टिल इस दौरे में टेस्ट और वनडे की कुल आठ पारियों में अभी तक 21.37 की औसत से 171 रन ही बना पाए हैं।
लेकिन लैथम को देखकर लग रहा था कि वह धर्मशाला की अपनी पारी को ही आगे बढ़ाने के लिए फिरोजशाह कोटला पर उतरे हैं। विलियमसन भी परिस्थितियों को भांपकर पांव जमाने के इरादे से उतरे थे, हालांकि भाग्य ने भी उनका साथ दिया।मैच के दसवें ओवर में हार्दिक पंडया की गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर महेंद्र सिंह धौनी और अजिंक्य रहाणे के बीच से सीमा रेखा पार गई जबकि बुमराह के दूसरे ओवर में अंपायर ने पगबाधा की विश्वसनीय अपील ठुकरा दी। विलियमसन जब 46 रन पर थे तब बुमराह की गेंद पर ही पंडया ने मिडऑफ पर उनका कैच छोड़ा। इसके बाद 59 के निजी योग पर फिर से उन्हें जीवनदान मिला। इस बार अक्षर पटेल की गेंद पर धौनी कैच नहीं ले पाए।लैथम सहज होकर खेल रहे थे लेकिन कामचलाऊ गेंदबाज केदार जाधव ने आते ही अपनी धीमी गेंद पर उन्हें गच्चा दे दिया। पगबाधा की जोरदार अपील पर अंपायर अनिल चौधरी की उंगली उठ गयी।
रीप्ले से लग रहा था कि गेंद लेग स्टंप से थोड़ा बाहर निकल रही थी। लैथम इस तरह से दौरे में पहली बार किसी मैच में अर्धशतकीय पारी नहीं खेल पाये।रोस टेलर (21) इस दौरे में भारतीय गेंदबाजों के प्रिय शिकार रहे हैं। शुरू में लगा कि वह इस बार धारणा बदल देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मिश्रा पर स्लाग स्वीप से बड़ा शाट खेलने के प्रयास में उन्होंने रोहित शर्मा को कैच थमा दिया। विलियमसन ने शुरुआती परेशानियों से उबरकर बाद में 109 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया। यह वनडे में उनका आठवां और भारत के खिलाफ पहला शतक है। वनडे में 16 पारियों के बाद वह शतक जड़ने में सफल रहे। शतक पूरा करने से पहले हालांकि उनके हाथ में चोट लगी थी। आखिरी दस ओवरों में कहानी एकदम से बदल गई।