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Monday, May 12, 2025

Paralympics: भारतीय पैरा शूटर रुबीना फ्रांसिस ने कांस्य पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया

पेरिस: पेरिस पैरालंपिक का तीसरा दिन भी भारत के लिए यादगार रहा। भारतीय पैरा शूटर रुबीना फ्रांसिस ने कांस्य पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया। उन्होंने महिला 10 मीटर एयर पिस्टल एसएस1 के फाइनल में तीसरे स्थान पर रहते हुए 211.1 का स्कोर किया। इसी के साथ भारत के पैरालंपिक में अब पांच पदक हो गए हैं। इनमें एक स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य शामिल हैं।

रुबीना के लिए इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं रहा। मध्य प्रदेश के जबलपुर में 1999 में जन्मीं रुबीना बचपन से ही दिव्यांग हैं। वह रिकेट्स नामक बीमारी से जूझ रही हैं। रुबीना पैरों से 40 प्रतिशत दिव्यांग हैं। हालांकि, उन्होंने अपनी शारीरिक अक्षमता को कभी कमजोरी नहीं बनने दिया और अब उन्होंने अपनी काबिलियत से भारत का नाम पैरालंपिक में ऊंचा किया है।

रुबीना रिकेट्स की समस्या से ग्रसित हैं। यह एक स्थिति होती हैं जो बच्चों में हड्डियों के विकास को प्रभावित करती है। इस बीमारी की वजह से पीड़ित को हड्डियों में दर्द और कमजोरी महसूस होती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शारीरिक कमजोरी कभी उनके लक्ष्य के बीच में नहीं आई। उनके परिवार ने हमेशा उनका साथ दिया और हौसला बढ़ाए रखा।

साल 2014 में सेंट एलॉयसिस स्कूल में आयोजित टैलेंट सर्च प्रोग्राम में रुबीना को अपने हुनर की पहचान हुई थी। उन्हें इस प्रोग्राम में भाग लेने के बाद अहसास हुआ कि वह पैरा शूटिंग में अच्छा कर सकती हैं। रुबीना ने शूटिंग का प्रशिक्षण मध्य प्रदेश शूटिंग अकादमी में प्राप्त किया।

रुबीना की मां सुनीता फ्रांसिस जबलपुर के प्रसूतिका गृह में नर्स हैं। वहीं, उनके पिता साइमन फ्रांसिस मोटर मैकेनिक का काम करते हैं। रुबीना के पिता की जबलपुर में ग्वारीघाट रोड पर बाइक रिपेयरिंग की दुकान थी। एक दिन नगर निगम के दस्ते ने उसे तोड़ दिया। रुबीना का घर इसी दुकान से चलता था। ऐसे में उनके परिवार को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ा। अकादमी का खर्च निकालना भी उनके लिए चुनौती बन गया। तब उनके पिता ने घर-घर जाकर बाइक रिपेयरिंग का काम शुरू किया। वहीं, रुबीना के भाई एलेक्जेंडर ने पढ़ाई के साथ-साथ पीओपी का भी काम शुरू किया। इसके बावजूद भी अकादमी की फीस भरना उनके लिए मुश्किल हो रहा था। इस वजह से उन्हें अकादमी से निकाल लिया गया। बाद में मध्य प्रदेश शूटिंग अकादमी में उन्हें एडमिशन मिला और यहां से उनकी जिंदगी की मुश्किलें कुछ कम हुईं।

रुबीना ने जुलाई 2024 में द्विपक्षीय नियम के तहत पेरिस पैरालंपिक के लिए ओलंपिक कोटा हासिल किया था। 2021 में अंतरराष्ट्रीय शूटिंग स्पोर्ट फेडरेशन द्वारा उन्हें महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 (विश्व शूटिंग पैरा स्पोर्ट रैंकिंग) में पांचवां स्थान दिया गया था। उन्होंने 2018 एशियाई पैरा खेलों में पी2-महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल (एसएच1 इवेंट) में भाग लिया। उन्होंने 2022 में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अल ऐन में आयोजित विश्व शूटिंग पैरा स्पोर्ट चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था।

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