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Monday, April 21, 2025

Paralympics: निषाद कुमार और प्रीति पाल ने जीते रजत और कांस्य पदक, सुहास और मनीषा ने भी भारत के लिए पदक पक्का

नई दिल्ली: पैरा-एथलीट निषाद कुमार और प्रीति पाल ने भारत के लिए क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीता, जबकि शटलर सुहास यतिराज ने रविवार को पेरिस पैरालंपिक में लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंचने का गौरव हासिल किया। एक अन्य शटलर मनीषा रामदास ने भी भारत के लिए पदक पक्का किया। हालांकि, स्टार निशानेबाज अवनी लेखारा अपनी पसंदीदा स्पर्धा में पदक जीतने की उपलब्धि दोहराने से चूक गईं।

भारत ने प्रतियोगिता का चौथा दिन सात पदक (1 स्वर्ण, 2 रजत, 4 कांस्य) के साथ रैंकिंग में 27वें स्थान पर समाप्त किया। प्रीति पाल ने पैरालंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला ट्रैक और फील्ड एथलीट बनकर इतिहास रचा, जबकि निषाद कुमार ने पुरुषों की ऊंची कूद T47 श्रेणी में अपना लगातार दूसरा रजत पदक जीता।

उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के एक किसान की बेटी 23 साल की प्रीति ने 200 मीटर T35 श्रेणी में 30.01 सेकंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ कांस्य पदक जीता। उन्होंने शुक्रवार को 100 मीटर T35 श्रेणी में भी कांस्य पदक जीता था। प्रीति पाल जब पैदा हुईं थीं, तो उन्हें कई शारीरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा था क्योंकि जन्म के छह दिन बाद तक उनके शरीर के निचले हिस्से में प्लास्टर लगा हुआ था। कमजोर पैरों और पैरों की अनियमित मुद्रा के कारण उन्हें कई तरह की बीमारियों का खतरा था। T35 स्पर्धा उन एथलीट्स के लिए है, जिनमें हाइपरटोनिया, अटैक्सिया और एथेटोसिस जैसी समन्वय संबंधी कमियां हैं।

हिमाचल प्रदेश के ऊना के रहने वाले 24 साल के निषाद कुमार ने सीजन के सर्वश्रेष्ठ प्रयास (2.04 मीटर) के साथ पेरिस पैरालंपिक में पैरा-एथलेटिक्स में भारत के लिए तीसरा और देश के लिए कुल सातवां पदक जीता। जब वह छह साल के थे, तब घास काटने वाली मशीन में उनका दाहिना हाथ कट गया था। निषाद ने तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में 2.06 मीटर की छलांग के साथ रजत पदक जीता था। उनको विश्व रिकॉर्ड धारक और गत चैंपियन यूएसए के टाउनसेंड रोडरिक के साथ कड़ी टक्कर मिली। रोडरिक ने 2.12 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक जीता।

टोक्यो खेलों के रजत पदक विजेता सुहास पैरालंपिक में लगातार दो पदक जीतने वाले पहले भारतीय शटलर बनने के लिए तैयार हैं। उन्होंने हमवतन सुकांत कदम को सीधे गेम में हराकर पुरुष एकल SL4 फाइनल में प्रवेश किया। 2007 बैच के आईएएस अधिकारी 41 वर्षीय सुहास ने सुकांत को 21-17, 21-12 से हराया।

बाद में, नितेश कुमार ने सेमीफाइनल में जापान के डाइसुके फुजिहारा पर 21-16, 21-12 से जीत के साथ SL3 में देश के लिए एक और पदक पक्का किया। सुहास के धमाल मचाने से पहले, मनीषा ने हमवतन थुलसीमति मुरुगेसन के साथ महिला एकल SU5 सेमीफाइनल में जगह बनाई। इससे देश को कम से कम रजत पदक मिलना सुनिश्चित हुआ।

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