नई दिल्ली: भारतीय रेसलर अमन सेहरावत ने शुक्रवार को पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता। इसके साथ ही भारत की मेडल संख्या छह तक पहुंच गई है। अमन सेहरावत के लिए भी मेडल की राह आसान नहीं थी। विनेश फोगाट की ही तरह अमन पर भी डिस्क्वालिफाई होने का खतरा मंडरा रहा था। हालांकि ऐसा नहीं हुआ और वह मेडल लाने में सफल रहे।
अमन ने गुरुवार को तीन मुकाबले खेले थे। उन्होंने प्री क्वार्टर फाइनल और क्वार्टर फाइनल में जीत हासिल की लेकिन सेमीफाइनल मैच हार गए। जब उन्होंने तीनों मैच खेलने के बाद वजन नापा तो उन्हें पता चला कि उनका वजन अपनी वेट कैटेगरी के तय मानक से 4.5 किलो ज्यादा है। अमन के पास पर वजन कम करने के लिए केवल रात का ही समय था। विनेश फोगाट के हाथ से गोल्ड मेडल मैच खेलने का मौका फिसल गया। अमन सेहरावत को भी यही डर सता रहा था कि उनके हाथ से ब्रॉन्ज मेडल मैच खेलने का मौका निकल न जाएं। अमन और उनकी टीम ने इसके बाद जमकर मेहनत की और सुबह चार बजे तक अमन सेहरावत का वजन तय मानत तक आ गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सबसे पहले अमन ने मैट पर ही अभ्यास करके अपना वजन तोड़ना की कोशिश की। इसके बाद वह सॉना बाथ लेने गए। इतने के बाद भी अमन का वजन कम नहीं हुआ। वह फिर जिम गए और लगातार एक घंटा ट्रेड मिल पर दौड़े। अमन ने इसके बाद 30 मिनट का ब्रेक लिया। फिर पांच-पांच मिनट के सॉना बाथ सेशन लिए। इन सबके बावजूद अमन का वजन 900 ग्राम ज्यादा था। अमन ने इसके बाद जॉगिंग की। वह पूरी रात नहीं सोए। वह बीच-बीच में रेसलिंग मैच देख रहे थे। हर घंटे अमन का वजन मापा जा रहा था। आखिरकार उनका वजन 56.9 किलो तक पहुंचा। यह तय वजन से 100 ग्राम कम वजन था।