30.1 C
New Delhi
Saturday, April 19, 2025

Paris Olympics 2024: सरकार ने ओलंपिक की तैयारियों के लिए की राशि आवंटित, किस खेल को मिली कितनी राशि

नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक की शुरुआत में अब 10 दिन का समय शेष है। भारत इस बार पेरिस ओलंपिक में 100 से अधिक खिलाड़ियों का दल भेज रहा है और सभी को इनसे बेहतर प्रदर्शन करने की आशा है। इस बीच सरकार ने ओलंपिक की तैयारियों के लिए राशि आवंटित कर दी है। तीन साल पहले टोक्यो खेलों में भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक के बाद भारत में इस ओलंपिक चक्र में ट्रैक एवं फील्ड के खिलाड़ियों को सरकारी कोष में सबसे बड़ा हिस्सा मिला है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के मिशन ओलंपिक सेल (एमओसी) के आधिकारिक आंकड़ों में बताया गया कि सरकार ने एथलेटिक्स पर 96 करोड़ आठ लाख रुपये खर्च किए।

इस बार 16 खेलों के लिए भारत की तैयारियों पर लगभग 470 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। पिछले ओलंपिक चक्र में टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) के तहत एथलेटिक्स पर पांच करोड़ 38 लाख रुपये खर्च किए गए थे। 26 जुलाई से शुरू हो रहे पेरिस खेलों में चोपड़ा की अगुआई में 28 सदस्यीय एथलेटिक्स दल भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। भारतीय दल में कुल 118 खिलाड़ी शामिल हैं। पिछली बार सात पदक को देखते हुए इस बार उम्मीदें अधिक है और इसलिए इस बाद खर्च अधिक किया गया है। देश के बैडमिंटन खिलाड़ियों सर्वाधिक अनुदान हासिल करने के मामले में दूसरे स्थान पर रहे।

बैडमिंटन खिलाड़ियों को 72.02 करोड़ रुपये मिले जबकि इसके बाद मुक्केबाजी (60.93 करोड़) और निशानेबाजी (60.42 करोड़) का नंबर आता है। भारत ने पेरिस खेलों के लिए बैडमिंटन में पांच कोटा हासिल किए हैं। इसमें दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू (महिला एकल), एचएस प्रणय और लक्ष्य सेन (पुरुष एकल), सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी (पुरुष युगल) और अश्विनी पोनप्पा तथा तनीषा क्रास्टो (महिला युगल) शामिल हैं। टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता भारतीय पुरुष टीम को पिछले तीन साल में 41.29 करोड़ रुपये की राशि मिली जबकि तीरंदाजी पर सरकार ने 39.18 करोड़ रुपये खर्च किए।

पहलवानों को कोष से 37.80 करोड़ रुपये मिले जबकि भारोत्तोलन के खाते में 26.98 करोड़ रुपये आए। घुड़सवारी को 95 लाख रुपये के साथ सबसे कम वित्तीय सहायता मिली। टेनिस को एक करोड़ 67 लाख रुपये जबकि गोल्फ को एक करोड़ 74 लाख रुपये की मदद मिली। नौकायन (3.89 करोड़), तैराकी (3.9 करोड़), पाल नौकायन (3.78 करोड़) और जूडो (6.3 करोड़) पर भी 10 करोड़ रुपये से कम खर्च हुए। स्टार खिलाड़ी अचंता शरत कमल की अगुआई वाली भारतीय टेबल टेनिस टीम को सरकार ने 12 करोड़ 92 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी। ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में सिंधू के साथ शरत कमल भारत के ध्वजवाहक होंगे।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार विदेश में अनुभव और टूर्नामेंट के मामले में देश के बैडमिंटन खिलाड़ियों को सबसे अधिक समर्थन मिला। उन्होंने 81 दौरे किए। निशानेबाजों को 45 विदेशी दौरे मिले जबकि इसके बाद टेनिस (40), एथलेटिक्स (31), टेबल टेनिस (28), कुश्ती (27), तीरंदाजी (24), मुक्केबाजी (23), नौकायन (22), हॉकी (18), जूडो (15), गोल्फ (12) और तैराकी (11) का नंबर आता है। पिछले तीन वर्षों के दौरान निशानेबाजी में 41 राष्ट्रीय शिविर आयोजित किए गए जो सभी 16 खेलों में सबसे अधिक है। तीरंदाजी 41 शिविर के साथ दूसरे स्थान पर है।

इसके बाद एथलेटिक्स (36), हॉकी (33), मुक्केबाजी (17), नौकायन (16), कुश्ती (15) और बैडमिंटन (13) का नंबर आता है। घुड़सवारी के लिए कोई राष्ट्रीय शिविर नहीं था क्योंकि अधिकांश सवार विदेश में प्रशिक्षण लेते हैं। गोल्फ के लिए केवल एक शिविर आयोजित किया गया था। व्यक्तिगत और विशिष्ट खेल संबंधित खर्चे में भारतीय हॉकी टीम को सर्वाधिक 41.81 करोड़ रुपये मिले जिसमें 76 राष्ट्रीय शिविर और 19 विदेशी दौरों का खर्च शामिल है। चोपड़ा इस सूची में 5.72 करोड़ रुपये के साथ दूसरे स्थान पर है। यह खर्चा उनके मौजूदा विदेशी कोच डॉ. क्लॉस बार्टोनिट्ज की सेवाएं लेने, यूरोप में ओलंपिक पूर्ण शिविर तथा यूरोप, अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका में प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने पर किया गया।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

15,780FansLike
2,290FollowersFollow
5,445SubscribersSubscribe

Latest Articles