नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक में हिस्सा ले रहे भारतीय दल में 117 खिलाड़ी शामिल हैं। धिनिधि देसिंघू इस ओलंपिक दल की सबसे युवा खिलाड़ी हैं। तैराक धिनिधि महज 14 साल की उम्र में खेल के सबसे बड़े मंच पर देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। धिनिधि को यूनिवर्सेलिटी कोटा की मदद से पेरिस जाने का मौका मिला। कभी पानी में पांव डालने से भी डरने वाली धिनिधि का पेरिस तक का सफर बहुत उतार-चढ़ाव भरा रहा है।
धिनिधि ने महज तीन साल की उम्र में तैराकी शुरू की थी। धिनिधि को बोलने में तकलीफ होती थी इसी कारण वह उनका आत्मविश्वास बढ़ नहीं रहा था। यही कारण था कि परिवार ने उन्हें खेल से जोड़ने का फैसला किया। हालांकि धिनिधि को शुरुआत में पानी में जाना पसंद नहीं था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, धिनिधि ने कहा ‘मुझे पानी बिलकुल पसंद नहीं था। मैं अंदर नहीं जाना चाहती थी। मैं पूल में पैर भी डाल पाती थी। मुझे बहुत मुश्किल हो रही थी। जब मैं अगले साल गई तब भी मेरा डर गया नहीं था।’ उन्होंने आगे बताया कि उन्हें सहज महसूस कराने के लिए धिनिधि के माता-पिता ने भी तैरना सीखा। यहीं से धिनिधि के सफर की शुरुआत हुई।
धिनिधि के अंदर से पानी का डर तो चला गया लेकिन टूर्नामेंट्स का डर नहीं गया। उनकी मां जेसिठा ने बताया कि उन्हें बेटी की प्रतिभा पर यकीन था लेकिन वह उसके अंदर का डर नहीं निकाल पा रही थीं। हर टूर्नामेंट से पहले उन्हें दबाव महसूस होता था, जिससे या तो उन्हें बुखार हो जाता था या फिर उल्टी हो जाती थी। हर बार यही होता था। धिनिधि का डर निकला जब वह टूर्नामेंट में हिस्सा लेने मैंगलोर पहुंची। माता-पिता भी उनके साथ थे। बस में सफर के कारण पूरे परिवार को रास्त में उल्टी हुई। टूर्नामेंट में पहुंचकर धिनिधि ने कहा कि उन्हें डर लग रहा है और वह टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेगी। हालांकि मां कि जिद पर जब वह पूल के पास गई थी तो उनके अंदर आत्मविश्वास जाग उठा और धिनिधि ने वहां गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद उन्हें दोबारा कभी टूर्नामेंट से पहले न बुखार आया न ही उल्टी हुई।
धिनिधि नेशनल गेम्स में सात गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं और ऐसा करने वाली सबसे युवा खिलाड़ी हैं। उन्होंने 200 मीटर फ्रीस्टाइल में नेशनल रिकॉर्ड कायम किया है। वह पिछले साल हुए एशियन गेम्स में भी हिस्सा ले चुकी हैं। वह पेरिस ओलंपिक में भी 200 मीटर फ्रीस्टाइल में हिस्सा लेंगी।