पेरिस: फ्रांसीसी अधिकारियों ने 2024 ओलंपिक को बाधित करने की कई साजिशों को नाकाम कर दिया है जिसमें से एक में रूस के एक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने पेरिस में खेलों के उद्घाटन समारोह से कुछ दिन पहले बुधवार को यह जानकारी दी। ओलंपिक की मेजबानी की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंचने के कारण पिछले कुछ हफ्तों से फ्रांस में हाई अलर्ट है।
शुक्रवार को सीन नदी पर एक भव्य और उच्च सुरक्षा वाले उद्घाटन समारोह के साथ खेलों की आधिकारिक शुरुआत होगी। पेरिस के अभियोजकों ने बुधवार को कहा कि उन्होंने ओलंपिक खेलों को अस्थिर करने की योजना बनाने के संदेह में मंगलवार को एक 40 वर्षीय रूसी व्यक्ति को पेरिस में उसके अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया।
फ्रांस पिछले कुछ हफ्तों से हाई अलर्ट पर है क्योंकि ओलंपिक की मेजबानी की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। पेरिस अभियोजक के कार्यालय के एक बयान के अनुसार, गिरफ्तार किए गए रूसी व्यक्ति पर फ्रांस में शत्रुता को भड़काने के उद्देश्य से एक विदेशी शक्ति के इशारे पर खुफिया तरीके से काम करने का आरोप लगाया गया। फ्रांस में इस दंडनीय अपराध के लिए 30 साल की सजा का प्रावधान है।
अभियोजकों ने कहा कि पेरिस में संदिग्ध के घर की आधिकारिक तलाशी के दौरान पुलिस एजेंटों को ऐसी चीजें मिलीं, जिनसे पता चलता है कि वह ओलंपिक खेलों को अस्थिर करने की साजिश रच रहे थे। पेरिस में रूसी दूतावास ने कहा कि उन्हें गिरफ्तारी के बारे में फ्रांसीसी अधिकारियों से कोई सूचना नहीं मिली है और फ्रांसीसी अधिकारियों से इसके बारे में रिपोर्ट देखने के बाद स्पष्टीकरण मांगा गया है। दूतावास ने आगे कोई टिप्पणी नहीं की।
यूक्रेन में रूस के युद्ध और गाजा में इजरायल-हमास संघर्ष के कारण उच्च अंतरराष्ट्रीय तनाव के बीच खेलों के आयोजकों को साइबर हमले की चिंताओं सहित प्रमुख सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में फ्रांसीसी अधिकारियों और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ओलंपिक और फ्रांस के हालिया चुनावों को लक्षित करते हुए रूस से बाहर विस्तृत दुष्प्रचार अभियान भी चलाए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय पुलिस प्रवक्ता सोनिया फिबलुइल ने कहा, ‘हमारे पास साइबर खतरों की एक सूची है, जिस पर हम विशेष रूप से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’ फिबलुइल ने कहा कि इस तरह की धमकियों में फर्जी खबरें और गलत सूचना या ऑनलाइन अभियान शामिल हो सकते हैं, जो बॉट्स के साथ गलत खबरों को आगे बढ़ाते हैं और इसे बड़े पैमाने पर प्रसारित करते हैं।
इसी हफ्ते फ्रांसीसी खुफिया एजेंसियों ने पाया कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो जिसमें ओलंपिक के खिलाफ हमास की धमकी दिखाई गई थी, वह नकली था, एआई द्वारा बनाया गया था। एक फ्रांसीसी सुरक्षा अधिकारी ने आरोप लगाए कि रूस ऐसे कई अभियान चला रहा है। टेलीग्राम पर हमास के एक अधिकारी ने भी वीडियो के पीछे आतंकवादी समूह का हाथ होने से इनकार किया था।