नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले भारतीय पहलवानों की तैयारियां अंतिम चरण में चल रही हैं। कुश्ती ओलंपिक में भारत का सबसे पुराना खेल है। 1920 के ओलंपिक में भी कुश्ती दल भेजा गया था जिसमें दो पहलवान शामिल थे। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के साथ कुछ शीर्ष पहलवानों के साथ हुए विवाद के कारण इनकी तैयारियों पर असर पड़ा है, लेकिन कुश्ती में पहलवानों का प्रदर्शन बेहतर रहा है और भारत को चार ओलंपिक से कुश्ती में पदक मिल रहे हैं। पेरिस ओलंपिक का आयोजन 26 जुलाई से होना है।
पिछली बार रवि दहिया और बजरंग पूनिया ने क्रमशः रजत और कांस्य पदक जीते थे। निराशा की बात है कि यह दोनों ही पहलवान इस बार ओलंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर सके हैं। पुरुष वर्ग में अमन सहरावत (57 किग्रा) ही ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर सकते हैं। इस बार पदक का दारोमदार महिलाओं पर है जिसमे विनेश फोगाट (50 किग्रा), अंतिम पंघाल (53 किग्रा), अंशु मलिक (57 किग्रा), निशा दहिया (68 किग्रा) और रितिका हुड्डा (76 किग्रा) भार वर्ग में चुनौती पेश करेंगी।
कुश्ती में भारत को ओलंपिक में हॉकी के बाद कुश्ती भारत का सबसे सफल खेल है। 2008 के बीजिंग ओलंपिक से इस खेल में पहलवान देश को लगातार पदक दिला रहे हैं। भारत अब तक कुश्ती में ओलंपिक में सात पदक जीत चुका है। भले ही कुछ विवाद हुए, लेकिन देश को एक बार फिर कुश्ती से पदक की आस रहेगी जो लगातार इन खेलों में बेहतर प्रदर्शन करता है। डब्ल्यूएफआई के साथ विवादों के कारण हालांकि पहलवानों की तैयारियों के लिए कोई स्थायी शिविर नहीं लगा। टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) के जरिये तैयारियां हुई हैं। भारत खेल प्राधिकरण (साई) ने 6.21 करोड़ रुपये इसके लिए खर्च किए हैं।