नई दिल्ली: भारतीय खिलाड़ी जी-जान से पेरिस ओलंपिक खेलों की तैयारियों में लगे हुए हैं। खिलाड़ियों को सरकार की तरफ से भी पूरा समर्थन मिल रहा है। चाहे वह भारत में विदेशी कोच को लाना हो, खिलाड़ियों को विदेश में ट्रेनिंग के लिए भेजना हो या फिर कुछ और, मेडल के दावेदारों की हर जरूरत का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। जिस तरह की तैयारी की गई है उसे देखकर यह कहा जा सकता है कि भारत खेल के मामले में ग्लोबल स्टैंडर्स की बराबरी कर चुका है। टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम के तहत 2021 से लेकर अब तक 72 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। यह साल 2016 में रियो ओलंपिक के दौरान खर्च की गई कीमत का दोगुना है। RTI के मुताबिक मिशन ओलंपिक सेल ने मई 2023 से मई 2024 के बीच टॉप्स के 100 एथलीट्स के 403 प्रस्ताव मंजूर किए हैं। उन्होंने केवल 50 प्रस्ताव नामंजूर किए। बीते तीन से एमओसी हर गुरुवार को इसे लेकर बैठक करती है
इन प्रस्ताव में ट्रेनिंग प्लान, जूते से लेकर चश्में, महंगी स्पोर्ट्स घड़ियां, हाई स्पीड कैमरा, ट्रेडिशनल इक्विपमेंट, कपड़े खाना और सपलिमेंट शामिल हैं। 100 प्रस्ताव की तर्ज पर खेल मंत्रालय 10 मेडल्स की उम्मीद कर रहा है। जिन खेलों से मेडल्स की उम्मीद कर रहा है उसमें बॉक्सिंग से तीन, बैडमिंटन से 2-3, एथलेटिक्स से 2, आर्चरी से एक और वेटलिफ्टिंग से एक मेडल शामिल है।
दो बार की ओलंपिक मेडलिस्ट पीवी सिंधु 15 जून से जर्मनी में ट्रेनिंग कर रही हैं। उके साथ उनके मेंटॉर प्रकाश पादुकोण, एक चीफ कोच, दो सहायक कोच, एक मेंटल स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच और पांच स्पैरिंग पार्टनर हैं। यानी सिंधु 12 लोगों की टीम के साथ ट्रेनिंग कर रही है। एचएस प्रणॉय को हायपरबारिक ओक्सिजन थेरेपी औऱ रेड लाइट थेरेपी के लिए फंड दिया गया है। टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल को उनके अलग-अलग टेस्ट के लिए फंड दिए गए हैं।
पेरिस ओलंपिक जा रही मनिका बत्रा के लिए चीन से टेबल टेनिस टेबल मंगाई गई है। यह वही टेबल है जिसका इस्तेमाल पेरिस में होगा। मनिका को इससे टेबल की रफ्तार, स्पिन और बाउंस समझने में आसानी होगी। पिछली बार की सिल्वर मेडलिस्ट मीराबाई चानू आईपैड और हाई स्पीड कैमरा दिया गया है। वहीं ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले इकलौते घुड़सवाल अनुश अग्रवाल के घोड़े के लिए खास खाना, सैडल पैड्स, बूट्स और कंबल का फंड दिया गया है। दो बार की वर्ल्ड चैंपियन निकहत जरीन को लेजर यूनिट दी गई है ताकी छोटी से छोटी चोट के बारे में पता लग सके।