इंदौर | कप्तान पार्थिव पटेल और मध्यक्रम के बल्लेबाज मनप्रीत जुनेजा के बड़ी अर्धशतकीय पारियों की मदद से गुजरात ने रणजी ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में बुधवार (11 जनवरी) को यहां दूसरे दिन मुंबई पर पहली पारी में बढ़त हासिल की। पार्थिव ने 90 रन की पारी खेली और इस बीच भार्गव मेराई (45) के साथ तीसरे विकेट के लिये 69 और जुनेजा (77) के साथ चौथे विकेट के लिये 120 रन की दो उपयोगी साझेदारियां करके गुजरात को न सिर्फ शुरुआती झटकों से उबारा बल्कि उसकी पहली पारी में बढ़त भी सुनिश्चित की। गुजरात ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक छह विकेट पर 291 रन बनाये हैं। अब तक रिकॉर्ड 41 बार खिताब जीत चुकी मुंबई की टीम पहली पारी में 228 रन पर आउट हो गयी थी। गुजरात ने इस तरह से 63 रन की बढ़त हासिल कर ली है। स्टंप उखड़ने के समय चिराग गांधी 17 और रस कलारिया 16 रन पर खेल रहे थे। मुंबई की तरफ से अभिषेक नायर ने 91 रन देकर तीन, शार्दुल ठाकुर ने 67 रन देकर दो और बलविंदर संधू ने 54 रन देकर एक विकेट लिया है।
गुजरात ने सुबह अपनी पारी बिना किसी नुकसान के दो रन से आगे बढ़ायी लेकिन उसने पहले सत्र में ही बेहतरीन फार्म में चल रहे अपने दोनों सलामी बल्लेबाजों समित गोहल और प्रियांक पांचाल के विकेट गंवा दिये। इन दोनों ने इस रणजी सत्र में एक एक तिहरा शतक जमाया लेकिन आज सुबह उन्हें मुंबई के गेंदबाजों के सामने रन बनाने के लिये जूझना पड़ा। दिन के पहले आठ ओवरों में केवल नौ रन बने। इसके बाद ठाकुर ने गोहल को पवेलियन की राह दिखायी जिन्होंने 34 गेंदों का सामना करके चार रन बनाये। भार्गव मेराई के आने के बाद रन गति में कुछ तेजी आयी लेकिन पांचाल रन बनाने के लिये जूझते रहे। नायर ने आखिर में उन्हें विकेट के पीछे कैच कराकर मुंबई को दूसरी सफलता दिलायी। पांचाल ने 51 गेंदे खेली तथा छह रन बनाये। पार्थिव ने आते ही नायर पर दो चौके जड़कर अपने इरादे जतलाये और इसके बाद न सिर्फ एक छोर संभाले रखा बल्कि इस बीच स्कोर बोर्ड को भी चलायमान रखा। गुजरात ने लंच तक दो विकेट पर 73 रन बनाये थे। उसने दूसरे सत्र में मेराई का विकेट गंवाया जिन्हें नायर की गेंद पर विकेटकीपर आदित्य तारे ने कैच आउट किया।
नायर को शुरू में जुनेजा का विकेट मिल जाता लेकिन श्रेयस अय्यर ने शॉर्ट मिडविकेट पर उनका कैच छोड़ दिया। तब जुनेजा 15 रन पर खेल रहे थे। पार्थिव शतक की तरफ मजबूती से बढ़ रहे थे लेकिन चाय के विश्राम के बाद नायर की बाहर जाती गेंद उनके बल्ले को चूमकर तारे के दस्तानों में समा गयी। पार्थिव ने 146 गेंदें खेली तथा 12 चौके लगाये। पार्थिव जब आउट हुए तब गुजरात का स्कोर 226 रन था और अगले ओवर में भार्गव भट के चौके से उसने बढ़त भी हासिल कर ली। जुनेजा भी हालांकि अपनी अच्छी शुरुआत को शतक में नहीं बदल पाये। उन्होंने ठाकुर की गेंद पुल करने के प्रयास में वापस गेंदबाज को कैच थमाया। जुनेजा ने 95 गेंदें खेली तथा 11 चौके लगाये। गुजरात ने इसके बाद भट (25) का भी विकेट गंवाया जिन्हें संधू ने आउट किया। संधू जल्द ही गांधी को भी पवेलियन भेज देते लेकिन तारे ने उनका कैच छोड़ दिया। मुंबई ने 88 ओवर के बाद नयी गेंद खेली लेकिन कलारिया और गांधी ने दिन के आखिरी क्षणों में गुजरात को कोई झटका नहीं लगने दिया।