नई दिल्ली: सुनील नरेन, आंद्रे रसेल और एनरिच नॉर्खिया के बाद राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज रियान पराग बल्ले की जांच के लिए अंपायर के गेज टेस्ट का नया शिकार बने। बीसीसीआई ने आईपीएल 2025 में गेज टेस्ट लागू किया है। रियान पराग ने आईपीएल 2025 के 32वें मैच में दिल्ली के खिलाफ 189 रन का पीछा करने के दौरान संजू सैमसन की जगह ली थी जो चोटिल होने की वजह से रियायर हर्ट होकर मैदान से बाहर चले गए थे।
संजू सैमसन दिल्ली के खिलाफ पांचवें ओवर की आखिरी गेंद पर मोहित शर्मा की गेंद पर एक शॉट खेलने के प्रयास में खुद को चोटिल कर लिया था। हालांकि चोट के बाद उन्होंने कोशिश की कि वो खेलते रहें, लेकिन उनकी चोट गंभीर थी और फिर उन्होंने रिटायर होने का फैसला किया। इसके बाद पराग चोटिल सैमसन की जगह आए, लेकिन स्ट्राइक लेने से पहले ही मैदानी अंपायर ने उन्हें रोक दिया। पराग के बल्ले का गेज टेस्ट किया गया जिसमें वो फेल रहा और फिर उन्हें बल्ला बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा। पराग ने दिल्ली के खिलाफ इस मैच में 11 गेंदों पर 8 रन की पारी खेली और वो अक्षर पटेल की गेंद पर आउट हो गए।
आपको बता दें कि दिल्ली और राजस्थान के बीच खेले गए मुकाबले में राजस्थान ने टॉस जीता था और फिर दिल्ली ने पहले बैटिंग करते हुए 20 ओवर में 5 विकेट पर 188 रन बनाए। इसके जवाब में राजस्थान की टीम ने भी 20 ओवर में 4 विकेट पर 188 रन की पारी खेली और मैच टाई हो गया। इसके बाद मैच का रिजल्ट सुपर ओवर के जरिेए सामने आया जिसमें दिल्ली को जीत मिली। सुपर ओवर में शानदार गेंदबाजी करने वाले मिचेल स्टार्क को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
टी20 क्रिकेट में गेंद और बल्ले के बीच संतुलन बनाने के लिए बीसीसीआई ने नया नियम बनाया है जिसके मुताबिक बल्लेबाज के गार्ड लेने से पहले हर बल्ला एक गेज से होकर गुजरेगा जबकि चौथा अंपायर मैदान पर उतरने से पहले ओपनर के बल्ले की जांच करेगा तो वहीं बाद के बल्लेबाजों को बल्ले की जांच ऑन-फील्ड अंपायर द्वारा की जाएगी। अगर गेज टेस्ट में किसी खिलाड़ी का बल्ला सही नहीं पाया जाता है तो फिर उसे अपना बैट बदलना पड़ता है। आईपीएल के चेयरमैन अरुण धूमल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ये नियम इसलिए लाया गया है जिससे मैदान पर निष्पक्ष मुकाबला हो। किसी को ये नहीं लगना चाहिए कि किसी को ज्यादा लाभ मिला है।