नई दिल्ली। आस्ट्रेलियन ओपन का खिताब जीतने वाले स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर विंबलडन के फाइनल में पहुंच गए हैं। फेडरर ने सेमीफाइनल मुकाबले में चेक रिपब्लिक के टॉमस बर्डिच को 7-6, 7-6, 6-4 हरा दिया। आपको बता दें कि 2010 के क्वार्टर फाइनल में फेडरर को 11 वीं वरीयता प्राप्त बर्डिच से शिकस्त खानी पड़ी थी, लेकिन इस बार उन्होंने बर्डिच को कारारी शिकस्त दी है। फेडरर और बर्डिच के बीच हुआ ये मुकाबला टेनिस लवर्स के लिए काफी दिलचस्प रहा। फेडरर इस बार पूरी तरह से बर्डिच से मुकाबला करने के लिए हॉमवर्क करके आए थे और वे किसी भी तरह अपने हाथों से ये मौका नहीं गवाना चाहते थे। लिहाजा बर्चिड को हराकर फेरडरर 11 वीं बार विंबलडन के फाइनल में पहुंच गए। इसी के साथ वह विंबलडन के इतिहास केन रोजवॉल (1974) के बाद पुरुष सिंगल्स के फाइनल में पहुंचने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी बन गए हैं। फेडरर ने अगर इस बार का फाइनल जीत लिया तो वे आठवें विंबलडन खिताब के विनर होंगे। सात बार के विंबलडन विजेता फेडरर ने 46 विनर्स लगाए और सिर्फ नौ अनफोसर्ड एरर किए।
फेडरर का अगला मुकाबला रविवार को क्रोएशिया के टेनिस खिलाड़ी मारिन सिलिक से होगा। बता दें कि फेडरर और सिलिक पहली बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचे हैं। सिलिक ने विश्व की सर्वोच्च वरीयता प्राप्त ब्रिटेन के एंडी मरे को मात देने वाले अमेरिका के सैम क्वेरी को चार सेटों तक चले कड़े मुकाबले में परास्त कर फाइनल में प्रवेश किया है। सिलिक ने सैम को दो घंटे 56 मिनट तक चले मुकाबले में 6-7(6-8), 6-4, 7-6 (7-3), 7-5 से मात देते हुए दूसरी बार किसी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई है। इससे पहले, सिलिक 2014 में अमेरिकी ओपन के फाइनल में पहुंचे थे और जीत हासिल की थी. उनके नाम यही एक इकलौता ग्रैंड स्लैम खिताब है।