नई दिल्ली। गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वालीं संजीता चानू पर डोप टेस्ट में फेल होने की बात गलत थी। अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (IWF) ने आज इस मामले में अपनी गलती स्वीकार की है। आईडब्ल्यूएफ ने कहा है कि उससे संजीता चानू के सैंपल के नंबर को लेकर गलती हो गई थी। संजीता ने अंतरराष्ट्रीय महासंघ की इस बड़ी गलती पर जांच की मांग उठाई है। अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) ने संजीता चानू के विफल डोप परीक्षण में अलग नमूना संख्या देने की बात गुरुवार को स्वीकार की। इसके बाद राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता संजीता ने जांच की मांग की है। आपको बता दें कि महासंघ ने संजीता के सैंपल में ‘एनाबॉलिक स्टेरॉइड टेस्टोस्टेरॉन’ नाम का ड्रग पाए जाने का दावा किया था जो बैन किया जा चुका है। इसी के चलते आईडब्ल्यूएफ ने उन्हें उस वक्त अस्थायी रूप से सस्पेंड भी कर दिया था।
PMO तक मामला पहुंचने से गलती सामने आई
आईडब्ल्यूएफ ने इस साल डोप परीक्षण में विफल रहने की जानकारी देने वाले संवाद में मूत्र के नमूनों को दो अलग अलग नंबर देने की बात स्वीकार की है। आईडब्ल्यूएफ ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) को भेजे पत्र में यह बात स्वीकार की है। संजीता ने अब आईडब्ल्यूएफ को पत्र लिखकर जांच करने को कहा है कि ऐसी गलती कैसे हो गई। डोप नतीजे की जानकारी देते हुए आईडब्ल्यूएफ ने संजीता को 15 मई को पत्र भेजा था, जिसमें पिछले साल लॉस एंजिलिस में 17 नवंबर को लिए नमूने को कोड नंबर 1599000 दिया है, जबकि नतीजे के वर्ग में नमूना संख्या 1599176 दी गई है। आईडब्ल्यूएफ ने अपनी गलती उस समय स्वीकार की जब यह मुद्दा प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचा। पीएमओ ने खेल मंत्रालय को इस मुद्दे को देखने को कहा जिसने यह जिम्मेदारी NADA को सौंपी।
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आईडब्ल्यूएफ के गलती स्वीकार करने का हालांकि शायद असल मामले में कोई असर नहीं पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि नाडा ने खेल मंत्रालय को अपने जवाब में कहा है कि संजीता को डोपिंग रोधी नियम के उल्लंघन के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ के सुनवाई पैनल के समक्ष अपना पक्ष रखने की जरूरत है।