भोपाल | वूशु की बारीकियां सीखने वाले मप्र के प्रतिभावान खिलाड़ी अंजुल नामदेव 18वें एशियन गेम्स के लिए भारतीय दल में चयनित हुए हैं। वे इस टीम में चयनित मध्यप्रदेश के इकलौते खिलाड़ी हैं। उनके पिता श्याम नामदेव प्राइमरी शिक्षक हैं। अंजुल का चयन साई भोपाल में गतदिवस संपन्न हुए दो दिवसीय सिलेक्शन ट्रायल में उम्दा प्रदर्शन के आधार पर हुआ हैं। सिलेक्शन के बाद अंजुल ने कहा कि ट्रायल में मैने अपना बेस्ट दिया है। अब एशियन गेम्स में देश के लिए मेडल लाना चाहता हूं। एक सवाल के जवाब में अपने स्ट्रगल टाइम को याद करते हुए अंजुल बताते हैं कि तब मुझे प्रशिक्षण हासिल करने के लिए घर से नौ किमी दूर जाना पड़ता था। इतनी ही दूर स्कूल था। यह दोनों सफर मैं अपनी साइकल से तय करता था। सुबह-शाम के प्रशिक्षण और स्कूल की पढ़ाई में ही पूरा दिन निकल जाता था। ऐसे में आराम करने का समय तक नहीं मिल पाता था। जबलपुर में प्रैक्टिस के लिए न तो एक्यूपमेंट थे और न ही प्रैक्टिस एरीना।
यह है भारतीय टीम
संतोष कुमार (56 किग्रा), सूर्या भानू प्रताप सिंह (60 किग्रा), नरेंद्र गिरेवाल (65 किग्रा), प्रदीप कुमार (70 किग्रा), युमनम सनाथोई देवी (52 किग्रा), एम. ज्ञानदास (ताइचिक्वांन/ताइजिक्वांन), अंजुल नामदेव (चिंगक्वांन), सूरज (चिंगक्वांन), चिराग शर्मा (दोशु और गुंशू), साजन लामा (ननक्वांन) और एल. सना तोंबी (ताइचिक्वांन/ताइजिक्वांन)।
चीफ कोच : कुलदीप हांडू, कोच: राजेश कुमार टेलर, राजवीर सिंह और रविप्रकाश त्रिपाठी।