नई दिल्ली। एशियन क्रिकेट काउंसिल यानी एसीसी ने एशिया कप 2020 को कोरोना वायरस के कारण 2021 तक के लिए स्थगित कर दिया है। एशिया कप में भारतीय टीम का दबदबा है, क्योंकि भारत ने सात बार एशिया कप जीता है, जबकि दूसरे नंबर पर 5 खिताबों के साथ श्रीलंकाई टीम है। यहां तक कि भारत ने आखिरी दो एशिया कप भी जीते हैं। इसी बीच पाकिस्तान के ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी ने एशिया कप 2014 को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है।
अपनी चिर-प्रतिद्वंदी टीम पाकिस्तान के सामने भारतीय टीम 2014 के लीग मैच में आखिरी के ओवर में हार गई थी, जिसमें शाहिद अफरीदी ने लगातार दो छक्के लगाए थे। इसी के साथ भारत टूर्नामेंट से बाहर हो गया था, जबकि पाकिस्तान की टीम फाइनल में पहुंच गई ती। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम ने 245/8 का स्कोर खड़ा किया था। इस मैच में पाकिस्तान को अच्छी शुरुआत मिली और आखिर तक सब ठीक रहा।
मैच एक समय पर पाकिस्तान की मुट्ठी में था, लेकिन 49वें ओवर में भुवनेश्वर कुमार ने दो विकेट निकले थे और 3 रन दिए थे, जिससे मैच में जान आ गई थी। आखिरी के ओवर में पाकिस्तान को 10 रन चाहिए थे। धौनी की गैरमौजूदगी में कप्तानी करने वाले विराट कोहली ने आर अश्विन को गेंद थमाई जो कि मैच में तीन विकेट पहले ही ले चुके थे। अश्विन ने 50वें ओवर की पहली गेंद पर भी विकेट निकाल दिया था, लेकिन बाद में मामला उल्टा पड़ गया।
पहली गेंद पर सईद अजमल को आउट करने के बाद अश्विन के सामने जुनैद खान थे। जुनैद ने जैसे-तैसे करके एक रन ले लिया और अब स्ट्राइक शाहिद अफरीदी के हाथ में थी, जो कि हार्ड हिटिंग के लिए दुनियाभर में फेमस थे। अफरीदी ने इस किस्से को पाकिस्तान की क्रिकेट प्रेजेंटर जैनब अब्बास के साथ एक इंटरव्यू में शेयर किया और बताया है कि उन्होंने किस तरह अश्विन को फंसाया था और लगातार दो छक्के लगाकर टीम को जीत दिलाई।
अफरीदी ने बताया, “मेरे साथ सईद अजमल बल्लेबाजी कर रहे थे। मैंने उनसे कहा कि वे गेंद पर बल्ला लगाएं और सिंगल लें। मैंने उससे कहा कि वह स्वीप शॉट के लिए न जाएं, लेकिन उसने खेला और अपना विकेट खो दिया। अश्विन अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे, उन्हें पिच से मदद भी मिल रही थी। सईद के बाद जुनैद खान आया। मैंने उससे एक ही बात कही, बस सिंगल निकाल दो। वह किसी तरह मुझे स्ट्राइक पर वापस लाने में कामयाब रहा।”
उन्होंने आगे बताया, “अश्विन के खिलाफ सभी सोच रहे थे कि मैं लेग साइड पर खेलने जाऊंगा, लेकिन मैं उसे बरगला देना चाहता था ताकि वह सोचें कि मैं लेग साइड पर मारने जा रहा हूं। इसके पीछे का विचार था कि ऑफ स्पिनर को अपनी ऑफ स्पिन गेंदबाजी न करने के लिए मजबूर किया जाए। और अश्विन ने ठीक वैसा ही किया। उन्होंने लेग-स्पिन गेंदबाजी की। मैंने इसे छक्के के लिए एक्स्ट्रा कवर क्षेत्र पर मारा। अगली डिलिवरी एक मुश्किल थी, मुझे बीच में नहीं मिली। मैं दो दिमागों में था, मैं सोच रहा था कि यह बाउंड्री के पार जाएगा या नहीं। लेकिन आखिर में गेंद फील्डर के ऊपर से छक्के के लिए रवाना हुई। मैंने एक राहत की सांस ली।” हालांकि, उस टूर्नामेंट के फाइनल में श्रीलंका ने पाकिस्तान को रौंद दिया था।