नई दिल्ली: अगले महीने से वेस्टइंडीज और अमेरिका की संयुक्त मेजबानी में टी20 वर्ल्ड कप खेला जाना है। इस वर्ल्ड कप के लिए लगभग सभी क्रिकेट बोर्ड्स ने अपनी टीमों का ऐलान कर दिया है। साउथ अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड भी उनमें से एक है, लेकिन टीम चयन के बाद इस बोर्ड पर सवाल उठ गए हैं और चयन करने वालों पर निशाना साधा गया है। देश के दो दिग्गजों ने इस संबंध में सवाल खड़े किए हैं जिसमें कहा गया है कि टीम चयन देश को पीछे ले जा रहा है।
इस टीम की आलोचना इसलिए हो रही है क्योंकि इस टीम में सिर्फ एक अश्वेत अफ्रीकी समुदाय का खिलाड़ी है और वो हैं कगिसो रबाडा। आलोचकों का कहना है कि टीम में सिर्फ एक अश्वेत अफ्रीकी खिलाड़ी का चुनना देश को पीछे ले जाने जैसा फैसला है। 15 सदस्यीय टीम में छह अश्वेत खिलाड़ी हैं जिसमें रबाडा भी शामिल हैं लेकिन रबाडा अकेले अश्वेत अफ्रीकी खिलाड़ी हैं।
क्रिकेट साउथ अफ्रीका की पॉलिसी के तहत साउथ अफ्रीका की प्लेइंग-11 में छह साउथ अफ्रीकी अश्वेत खिलाड़ी होने चाहिए जिसमें से दो अश्वेत अफ्रीकन समुदाय में से होने चाहिए। लेकिन टीम में सिर्फ राबाडा ही अश्वेत अफ्रीकी समुदाय के हैं, इसलिए नेशनल टीम इस नियम को पूरा नहीं कर पा रही है। टीम में रबाडा के अलावा रीजा हैंड्रिक्स, बोजोर्न फोर्ट्यून, केशव महाराज, तबरेज शम्सी और ओटेनेल बार्टमैन के रूप में छह अश्वेत खिलाड़ी हैं। टीम में लुंगी एनगिडी हैं जो अश्वेत अफ्रीकी समुदाय से आते हैं लेकिन वह रिजर्व खिलाड़ियों में शामिल हैं।
खेल मंत्री ने जताया विरोध
इस टीम को लेकर साउथ अफ्रीका के खेल मंत्री और क्रिकेट साउथ अफ्रीका के पूर्व चेयरमैन फिकिले मबालुला ने अपना विरोध दर्ज कराया है “सिर्फ एक अफ्रीकन प्लेयर टी20 वर्ल्ड कप के लिए टीम में चुना गया है। जाहिर तौर पर ये बदलाव की दिशा में उठाए जाने वाले कदम से बिल्कुल उलटा है और इसमें साउथ अफ्रीका के लोगों का पूरी तरह से प्रतिनिधित्व नहीं है।” मौजूदा आईसीसी अध्यक्ष और क्रिकेट साउथ अफ्रीका के पू्र्व अध्यक्ष रे मेल ने भी इस पर अपनी अपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने लिखा, “मुझे लगता है कि काफी कुछ हासिल किया जा चुका है लेकिन क्रिकेट में हमने अपने कदम पीछे की तरफ लिए हैं। हम आगे नहीं बढ़ रहे हैं। मुझे ये समझ में नहीं आता कि इस समय हम ज्यादा तादाद में अश्वेत साउथ अफ्रीकी खिलाड़ी क्यों नहीं ले सकते। हमने उन लोगों को धोखा दिया है जिन्होंने इस देश की एकता को बनाए रखने में हमारी मदद की। खिलाड़ियों को बचपन से ही तैयार किया जाता है और इसलिए पता होना चाहिए कि कौनसा खिलाड़ी साउथ अफ्रीका का प्रतिनिधित्व करेगा।”