नई दिल्ली: मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने बुधवार (15 जनवरी) को लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर और फारुख इंजीनियर समेच मुंबई के आठ पूर्व खिलाड़ियों का सम्मान किया। इन्हें 10-10 लाख रुपये का पुरस्कार दिया। ये 8 खिलाड़ी 1974-1975 सत्र के दौरान वानखेड़े स्टेडियम में पहले प्रथम श्रेणी मैच का हिस्सा थे, जो जीवित हैं। तब खिताब जीतने वाली मुंबई टीम के ये आठ सदस्य सुनील गावस्कर, करसन घावरी, पद्माकर शिवालकर, फारुख इंजीनियर, अजीत पई, मिलिंद रेगे, अब्दुल इस्माइल और राकेश टंडन हैं। इन आठ खिलाड़ियों में से पांच शिवालकर, घावरी, पई, रेगे और इस्माइल कार्यक्रम के दौरान मौजूद थे। यह घोषणा एमसीए सचिव अभय हड़प ने वानखेड़े में पहला प्रथम श्रेणी मैच खेलने वाली मुंबई टीम के सदस्यों को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक समारोह के दौरान की।
समारोह के दौरान एमसीए अध्यक्ष अजिंक्य नाइक, “हमें मुंबई की टीम के उन सदस्यों को अपने साथ पाकर बहुत गर्व हो रहा है, जिन्होंने 1974 में वानखेड़े स्टेडियम में पहले प्रथम श्रेणी मैच में हिस्सा लिया था। वे वास्तव में वानखेड़े के रत्न हैं और हम उनका बहुत सम्मान करते हैं। हमें प्रत्येक जीवित सदस्य के लिए 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है।”
इस कार्यक्रम के दौरान शासी निकाय ने वर्ष 1975 से अब तक के पदाधिकारियों को सम्मानित भी किया, जो एमसीए द्वारा प्रतिष्ठित स्टेडियम के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित सप्ताह भर चलने वाले समारोह का हिस्सा है। इससे पहले दिन में मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने एमसीए के ग्राउंड्समैन से बात की, जो वानखेड़े स्टेडियम, बीकेसी में शरद पवार क्रिकेट एकेडमी और कांदिवली में सचिन तेंदुलकर जिमखाना जैसे विभिन्न जगहों पर काम करते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रहाणे ने कहा, ” मैच के दौरान हर टीम को एक अच्छी पिच और अच्छी तरह से बनाए गए मैदान की उम्मीद होती है। हालांकि, ग्राउंड्समैन की कड़ी मेहनत को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। आलोचना करना आसान है, लेकिन कम ही लोग उनके काम में लगने वाली मेहनत पर विचार करते हैं। आज, एमसीए ने एक सराहनीय पहल की है। आप ग्राउंड्समैन मुंबई क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण हैं। चाहे कोई भी टीम खेलने आए, आपका योगदान हमेशा महत्वपूर्ण रहेगा।”