नई दिल्ली: पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर का कहना है कि स्पिनरों के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों की तकनीक में कमी देखने मिली है। भारत को हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में हार का सामना करना पड़ा था। इस सीरीज में भारतीय बल्लेबाज स्पिनरों के खिलाफ संघर्ष करते दिखे थे जो उसकी हार का एक बड़ा कारण रहा। इस हार के बाद कई क्रिकेट विशेषज्ञों ने भारतीय बल्लेबाजों की तकनीक पर सवाल खड़े किए थे।
हाल ही में गावस्कर ने बताया कि भारतीय बल्लेबाज स्पिनरों के खिलाफ क्यों संघर्ष कर रहे हैं। उनका कहना है कि सफेद गेंद के क्रिकेट ने उनकी तकनीक को प्रभावित किया है। इस पूर्व दिग्गज बल्लेबाज ने बताया कि सीमित ओवर के प्रारूप में अधिक खेलने के कारण बल्लेबाज सॉफ्ट हैंड से नहीं खेल रहे जिसकी वजह से वे स्पिनरों का सामना नहीं कर पा रहे हैं।
गावस्कर ने इंडिया टूडे से कहा, मुझे लगता है कि जबसे सीमित ओवरों के प्रारूप में ज्यादा खेल होने लगे हैं, तभी से यह दिक्कत आ रही है। सफेद गेंद के प्रारूप में बल्लेबाज हार्ड हैंड से खेलते हैं। अब जब पिच से गेंदबाजों को कुछ मदद मिलती है तो आपको एक या दो बार सॉफ्ट हैंड से खेलना होता है। तभी आपको बल्ले की तेजी का पता चलता है जिसे नियंत्रित करना पड़ता है। भारत अब टेस्ट से ज्यादा सफेद गेंद के प्रारूप के मुकाबले खेलता है।
स्पिनरों के खिलाफ 2021 से गिरा भारतीय बल्लेबाजों का ग्राफ
भारतीय बल्लेबाज 2021 से ही घर पर स्पिनरों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं जिससे उनके औसत में भी गिरावट आई है। स्टार बल्लेबाज विराट कोहली का 2019 में घर में औसत 68.42 का था जो 2021 से घटकर 29.92 हो गया है। वहीं, कप्तान रोहित शर्मा का औसत 88.33 से गिरकर 35.58 और केएल राहुल का औसत 44.25 से गिरकर 29.33 पर आ गया है। भारतीय बल्लेबाज भले ही न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना दम नहीं दिखा सके, लेकिन उन्हें इस महीने के अंत से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हो रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज से फॉर्म में वापसी करनी होगी। भारत ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर लगातार तीसरी टेस्ट सीरीज जीतने के इरादे से उतरेगा। टीम को अगर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में पहुंचना है तो उसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4-0 से जीत दर्ज करनी होगी।